पटना । बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा करने वाले लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के बंगले में खुद की चिनगारी से आग लग गई है। अब तो लोजपा के नेता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने चिराग पासवान पर विस चुनाव में राजद-कांग्रेस को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है।
चिराग पासवान की नीतियों की वजह से लोजपा में विवाद गहरा गया है। लोजपा के प्रदेश महासचिव केशव सिंह ने कहा है कि चिराग पासवान पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के बताये रास्ते से भटक गए हैं। वे लोजपा को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं। वे अपने एक निजी सचिव की सलाह पर काम कर रहे हैं। जबकि सांसदों एवं अन्य नेताओं की पार्टी में कोई पूछ नहीं है। सारे समर्पित कार्यकर्ता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे।
केशव सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि चिराग पासवान इसबार के विधानसभा चुनाव में राजद-कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के लिए अलग होकर लड़ने का फैसला लिया था। इसके पीछे चिराग और उनके पीए का दिमाग था। पार्टी नेताओं से उन्होंने कोई राय तक नहीं ली। केशव सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो पार्टी के कई बड़े नेता अगला कदम उठा सकते हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि अगले साल 15 जनवरी के बाद लोजपा में बड़ी टूट होगी। इसके पहले लोजपा के प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता केशव सिंह ने फेसबुक पेज के माध्यम से बगावत का झंड़ा बुलंद किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मुंह खोल दिया तो लोजपा सुप्रीमो कहीं के नहीं रहेंगे। उन्होंने क्ष कि समय आने पर वह अपना मुंह खोलेंगे और चिराग पासवान ने जो काम किया है, उसे जनता के बीच ला देंगे।
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