
नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 वैक्सीन का वितरण करने की व्यापक योजना तैयार की जा रही है। देश के दूरस्थ इलाकों में तत्काल वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसैनिक युद्ध की तरह काम करेंगे। फार्मा कंपनियों से वैक्सीन को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना के भी 100 से ज्यादा जहाज तैयार हैं। इनमें भारी परिवहन विमान एएन-32, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, ग्लोबमास्टर सी-17 और आईएल-76 विमानों से लेकर […]
नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 वैक्सीन का वितरण करने की व्यापक योजना तैयार की जा रही है। देश के दूरस्थ इलाकों में तत्काल वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसैनिक युद्ध की तरह काम करेंगे। फार्मा कंपनियों से वैक्सीन को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना के भी 100 से ज्यादा जहाज तैयार हैं। इनमें भारी परिवहन विमान एएन-32, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, ग्लोबमास्टर सी-17 और आईएल-76 विमानों से लेकर हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 वैक्सीन का वितरण करने के लिए एक टास्क फोर्स की घोषणा की है जिस पर प्राथमिकता में आने वाले 30 करोड़ भारतीयों तक वैक्सीन पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी। योजना के मुताबिक सबसे पहले एक करोड़ डॉक्टरों, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों और फ्रंटलाइन श्रमिकों को टीका लगाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को इस टास्क फोर्स का हिस्सा बनाया गया है। दूरस्थ इलाकों में तत्काल वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना ने तीन अलग-अलग प्रकार की योजना बनाई है। वायुसेना ने कोविड-19 वैक्सीन के वितरण की तैयारी युद्ध की तरह की है। वैक्सीन से जुड़े ऑपरेशन शुरू होने पर चीन के साथ गतिरोध के बल की परिचालन तत्परता को प्रभावित नहीं करेंगे।
वायुसेना ने फार्मा कंपनियों से कोविड वैक्सीन उठाकर कोल्ड-चेन स्टोरेज सेंटरों तक पहुंचाने के कार्य में परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-30जे सुपर हरक्यूलिस और आईएल-76 को लगाने की तैयारी की है। एएन-32 और डॉर्नियर्स विमानों को छोटे केंद्रों पर तैनात किया जाएगा। अंतिम छोर तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच), चीता और अमेरिकी चिनूक हेलीकॉप्टरों को लगाये जाने की तैयारी है। वायुसेना ने अपने ट्रांसपोर्ट प्लेन और हेलीकॉप्टर समेत 100 विमानों को वैक्सीन कार्यक्रम के लिए तैयार कर लिया है। यह पहली बार नहीं है जब वायुसेना टीका वितरण के साथ मदद के लिए हाथ बंटाएगी। इससे पहले 2018 में रूबेला और मीज़ल्स वैक्सीन को भारत के सबसे दूर के कोने तक ले जाने में वायुसेना महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है।
देश में कोविड-19 वैक्सीन के वितरण की रणनीति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि फिलहाल भारत में तीन अलग-अलग वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है। वैक्सीन का वितरण करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं और इसके लिए देश में कोल्ड चेन की व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। वैक्सीन अगले कुछ हफ्तों में तैयार हो जाएगी और वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलते ही देश में टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा।
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