
नई दिल्ली। अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हुए नौसेना के मिग-29 के लापता पायलट कमांडर निशांत सिंह का शव 11 दिन बाद गोवा तट से 30 मील दूर समुद्र में पानी के 70 मीटर नीचे मिला है। पायलट और जहाज का मलबा तलाशने के लिए 9 युद्धपोतों और 14 विमानों को लगाया गया। इसके अलावा मरीन और कोस्टल पुलिस भी तलाश कर रही थी। आसपास स्थित मछुआरों के गांवों को संवेदनशील […]
नई दिल्ली। अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हुए नौसेना के मिग-29 के लापता पायलट कमांडर निशांत सिंह का शव 11 दिन बाद गोवा तट से 30 मील दूर समुद्र में पानी के 70 मीटर नीचे मिला है। पायलट और जहाज का मलबा तलाशने के लिए 9 युद्धपोतों और 14 विमानों को लगाया गया। इसके अलावा मरीन और कोस्टल पुलिस भी तलाश कर रही थी। आसपास स्थित मछुआरों के गांवों को संवेदनशील घोषित करके अलर्ट जारी किया गया था। भारतीय नौसेना ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश 26 नवम्बर को ही दिये थे।
नौसेना का ट्रेनर मिग-29के लड़ाकू विमान 26 नवम्बर की शाम 5 बजे उस वक्त अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जब वह विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से परिचालन करते समय ऊंची समुद्री लहरों के बीच नीचे जा रहा था। इस विमान को एक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। एक पायलट को सुरक्षित बचा लिया गया था जबकि दूसरे पायलट कमांडर निशांत सिंह का दुर्घटना के बाद भी पता नहीं चल सका। उसे ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। यह विमान आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात था और इसी माह अरब सागर में चार देशों की नौसेनाओं के साथ हुए मालाबार अभ्यास में भी हिस्सा लिया था।
दुर्घटनाग्रस्त हुए नौसेना के मिग-29 के जहाज का मलबा और पायलट की खोज में 9 युद्धपोतों और 14 विमानों को लगाया गया। इसके अलावा भारतीय नौसेना के फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट को भी समुद्र तट पर तैनात किया गया। मरीन और कोस्टल पुलिस को भी लगाया गया और आसपास स्थित मछुआरों के गांवों को संवेदनशील घोषित करके अलर्ट जारी किया गया था। कमांडर निशांत सिंह की तलाश में आईएनएस विक्रमादित्य, उसके युद्ध समूह के सी-130जे, पी-8 आई और डोर्नियर हेलीकॉप्टर भी अभियान में लगे थे। 72 घंटों तक चले अभियान के बाद 30 नवम्बर को समंदर में डूबे ट्रेनर मिग-29के लड़ाकू विमान का कुछ मलबा बरामद कर लिया गया, जिसमें लैंडिंग गियर, टर्बो चार्जर, फ्यूल टैंक इंजन और विंग इंजन काउलिंग शामिल हैं लेकिन लापता पायलट का पता नहीं चल सका।
इसलिए नौसेना का अभियान लगातार जारी रहा और आखिरकार मिग-29 के पायलट कमांडर निशांत सिंह का शव 11 दिन बाद अरब सागर में ढूंढ निकाला गया है। व्यापक खोज के बाद उनका शव गोवा तट से 30 मील दूर पानी के 70 मीटर नीचे समुद्र में मिला है। उनके परिवार ने नौसेना और बहादुर खोजी दल को सलाम किया है, जिन्होंने कभी खोज बंद नहीं की। कमांडर निशांत सिंह वही पायलट हैं जिनका इसी साल मई के महीने में अपने सीओ (कमांडिंग ऑफिसर) को लिखा लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कमांडर निशांत सिंह ने यह लेटर अपनी शादी की अनुमति लेने के लिए लिखा था, जिसके बाद सीओ ने इजाजत देने के लिए जो जवाब दिया था, उसकी भी काफी चर्चा हुई थी।
इस पत्र में निशांत सिंह ने शादी की अनुमति बेहद मिलिट्री अंदाज में मांगी थी। उन्होंने लिखा था कि “मैं आप पर बम गिराने वाला हूं लेकिन मुझ पर खुद न्यूक्लियर बम (शादी का) गिरने वाला है। कोरोना के चलते सब कुछ बंद है, इसलिए उनके माता पिता ‘जूम’ पर उन्हें आशीर्वाद देंगे। उन्होंने यह भी लिखा था कि जिस तरह से वे (सीओ) और उनके साथी शादी की वेदी पर चढ़े हैं, उसी तरह से वे भी चढ़ने वाले हैं ताकि लाइन ऑफ ड्यूटी के बाहर शांतिपूर्वक जिंदगी बिता सकें। कमांडर निशांत सिंह गोवा स्थित आईएनएस हंस नेवल बेस पर 303 आईएनएस स्क्वाड्रन में तैनात थे। उनके सीओ कैप्टन एम. शेयोकंद भी मिग-29 के जेट के एक क्रैश में बाल-बाल बचे थे।
भारतीय नौसेना ने 2013 में रूस से 45 मिग-29 के लड़ाकू विमानों का सौदा एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात करने के लिए किया था। इन फाइटर जेट्स की एक स्क्वाड्रन गोवा स्थित आईएनएस हंस पर तैनात है और कुछ विमान विशाखापट्टनम में भी तैनात रहते हैं, क्योंकि भारत का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

21 Aug 2025 22:28:04
मोतिहारी। संग्रामपुर थाना क्षेत्र के दरियापुर मठ के पास गुरुवार देर शाम अपराधियों के बीच हुई जबरदस्त गोलीबारी में दो...
Epaper
YouTube Channel
<% let n=0; items.forEach((r)=>{ if(n == 0) { n++; return; } %> <% n++; %> <% }); %>
<%- className == "" ? "" : '
' %> <% items.forEach(function(r) { %> <% }); %> <%- className == "" ? "" : "
" %> मौसम

Comments