आईएएस की पढ़ाई छोड़ पंचायत के विकास के लिए चुनावी कैम्पेनिंग में जुटी श्वेता दूबे
*पति बॉर्डर पर कर रहे हैं देश की सेवा
मोतिहारी। मोतिहारी के कोटवा प्रखंड के बथना पंचायत में आईएएस की तैयारी को छोड़कर पंचायत के विकास के लिए एवं महिला सशक्तिकरण के लिए कोई महिला पंचायत चुनाव मुद्दों के आधार पर लड़ने जा रही है। दरसअल महिला कोरोना काल में गांव आयी गांव की बदहाली देखी। वर्षों से बने पंचायत सरकार भवन में मुखिया के बैठने के जगह, आरटीपीएस कक्ष में डस्टबिन का डिब्बा देखा तो लोगों को जागरूक करने की ठानी। पति बॉर्डर पर जंग लड़ने के लिए डटे हैं । तो पत्नी ने पंचायत के गंदगी एवं बदहाली को दूर करने के लिए पंचायत चुनाव में जुट गई। स्वास्थ्य शिक्षा एवं नारी सम्मान जैसे मुद्दों पर हो चुनाव। यह उनके चुनाव का मोटो है। अभी तक अधिकतर पंचायतों में ऐसा देखा जाता है कि मुखिया पत्नी होती है लेकिन पति ही मुखिया कहलाते है। पंचायत के सारे काम पति ही करते हैं। कहने को तो सरकार हर जगह महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हर जगह भागीदारी दी है लेकिन अधिकतर महिलाएं केवल स्टाम्प की तरह कार्य करती है। लेकिन बथना पंचायत की मुखिया पद के लिए उम्मीदवारी पेश कर रही शिक्षित एवं युवा उम्मीदवार श्वेता दूबे आईएएस की पढ़ाई छोड़कर पंचायत के विकास के लिए चुनाव मैदान में अपनी कैम्पेनिंग शुरू की है। ऐसे तो पढ़ी लिखी होने के कारण कहीं नौकरी कर सकती थीं लेकिन गांव में रहकर लोगों की सेवा करने प्रत्येक स्कूल को डिजिटल बनाने। प्रत्येक पंचायत में इमरजेंसी में एम्बुलेंस, अग्निशमन गाड़ी सहित कई मुद्दे पंचायत चुनाव में उठाया है।
अपने चुनावी सभा में स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर जोर दिया साथ ही अपने उम्मीदवार से प्रत्येक परिवार को अपने वादा का घोषणा पत्र ठप्पा लगा देने को कहा जिससे प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद अपने घोषणा से मुकर न जाए। आर्मी में मेजर के पद पर पति के होने के बावजूद पंचायत के विकास के लिए पंचायत चुनाव में इस प्रकार शिक्षित लोगों का आना यह दर्शा रहा है कि अब पंचायतों के विकास के साथ बिहार की सूरत बदलने वाली है।
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