सावधान : सर्दी के मौसम में भी करें मच्छरदानी का उपयोग, डेंगू से रहेंगे दूर
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बेगूसराय। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव के साथ ही विभिन्न प्रकार के मच्छरों को प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गांव में कुछ हद तक पर्यावरण स्तर ठीक रहने के कारण मच्छर का आतंक कम है। लेकिन शहर में पर्यावरण प्रदूषण और विभिन्न मुहल्ले में लंबे समय तक हुए जलजमाव के कारण मच्छर कहर […]
बेगूसराय। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव के साथ ही विभिन्न प्रकार के मच्छरों को प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गांव में कुछ हद तक पर्यावरण स्तर ठीक रहने के कारण मच्छर का आतंक कम है। लेकिन शहर में पर्यावरण प्रदूषण और विभिन्न मुहल्ले में लंबे समय तक हुए जलजमाव के कारण मच्छर कहर बरपा रहा है। सैकड़ों लोग डेंगू के डंक से प्रभावित हो चुके हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में मच्छरजनित बीमारी से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए ठंड के मौसम में भी मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें और डेंगू से दूर रहें। इसके लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
मच्छरदानी है सबसे आसान और बेहतर उपाय-
डॉ. संजय कुमार बताते हैं कि वर्तमान में डेंगू से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना सबसे आसान और बेहतर उपाय है। इसके अलावा साफ-सफाई, रहन-सहन में सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। साथ ही लक्षण दिखने के साथ ही तुरंत चिकित्सकों से जाँच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज कराना चाहिए। ताकि लोगों की परेशानियां नहीं बढ़े और ससमय इलाज शुरू हो सके।
साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल-
डेंगू से बचाव को लेकर खुद के साथ-साथ घरों एवं आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। शौचालय एवं उसके आसपास की जगह, रसोई घर, बेडरूम आदि जगहों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यह बीमारी मच्छर काटने से होता है और गंदे जगह पर मच्छर का वसाव हो जाता है। इसलिए, इससे बचाव के लिए खुद के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें। जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव होगा।
ऐसे पहचाने डेंगू के लक्षण-
डॉक्टर के मुताबिक डेंगू के बुखार में उल्टी, सूजन,चकत्ते की समस्या होती है। साथ हीं सांस तेज चलना, पेट में दर्द, मसूड़ों से खून निकलना, कमजोरी, उल्टी में खून आने के लक्षण भी मिलते हैं। शुरुआती दौर में इलाज शुरू करने से मरीजों को विशेष परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए लक्षण दिखते ही इलाज शुरू करें।
डेंगू का घरेलू उपचार-
डेंगू के बुखार से बचने के लिए गिलोय जूस को कारगार माना गया है। गिलोय जूस मेटाबोलिज्म बेहतर करने के साथ-साथ इम्युनिटी भी मजबूत करता है। मजबूत इम्युनिटी डेंगू के बुखार से लड़ने में शरीर की मदद करती है। इससे प्लेटलेट काउंट बढ़ता है और रोगी को बेहतर लगता है। एक गिलास पानी में दो छोटे गिलोय के तनों को उबाल लें और इस पानी को गुनगुना होने पर पी लें। इसका सेवन दिन में दो बार से अधिक नहीं करना चाहिए।
इलाज की व्यवस्था-
सदर अस्पताल बेगूसराय में इलाज भले ही भगवान भरोसे हो। लेकिन डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग रहने का दावा कर रहा है। दावा है कि इससे बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज का समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। इसलिए किसी भी प्रकार का परेशानी होने पर सीधा अस्पताल जाएं। जहां बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।
इन मानकों का जरुर रखें ख्याल-
व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक-दूरी का ख्याल रखें। बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। साबुन या अन्य अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं। मास्क और सेनेटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें। भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें। आंख, नाक, मुंह को अनावश्यक छूने से बचें।
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