आत्मनिर्भर भारत और ग्रीनफील्ड की दिशा में तेजी से अग्रसर है इंडियन ऑयल : कार्यपालक निदेशक

आत्मनिर्भर भारत और ग्रीनफील्ड की दिशा में तेजी से अग्रसर है इंडियन ऑयल : कार्यपालक निदेशक

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बेगूसराय। कोविड-19 महामारी के कारण देश में प्रभावित ईंधन की मांग को ध्यान में रखते हुए अब इंडियन ऑयल ने रिफाइनिंग सेगमेंट में अपने सभी ग्रीनफील्ड विस्तार परियोजनाओं की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पेट्रोकेमिकल उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने की योजना है, जिससे वर्तमान अस्थिरता से बचने में मदद मिलेगी। यह […]
बेगूसराय। कोविड-19 महामारी के कारण देश में प्रभावित ईंधन की मांग को ध्यान में रखते हुए अब इंडियन ऑयल ने रिफाइनिंग सेगमेंट में अपने सभी ग्रीनफील्ड विस्तार परियोजनाओं की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पेट्रोकेमिकल उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने की योजना है, जिससे वर्तमान अस्थिरता से बचने में मदद मिलेगी। यह बातें बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक सह रिफाइनरी प्रमुख शुक्ला मिस्त्री ने शुक्रवार को आयोजित ऑनलाइन प्रेस मीट में पत्रकारों से बात करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देते हुए किसानों के विकास के लिए कॉर्पोरेट पर्यावरण दायित्व के तहत बरौनी रिफाइनरी ने बरौनी डेयरी एवं एनडीडीबी के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया है, जिससे बछवाड़ा में 50 बायो संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। बरौनी में ग्रीन बेल्ट की स्थापना करने के लिए पूर्व मध्य रेलवे सोनपुर के साथ हुए समझौता के तहत बरौनी में रेलवे की 89.28 एकड़ जमीन रिफाइनरी को प्रदान किया गया है। इंडियन ऑयल हरित पहल को बढ़ावा देने के लिए फ्यूल सेल और स्‍वदेशी हाईड्रोजन भंडार समाधान प्रदान करने की योजना बना रहा है। सभी रिटेल आउटलेट को एनर्जी पम्‍प बनाया जाएगा, जिससे स्‍वच्‍छ, हरित और अधिक सक्षम इंधन विकल्‍प की सुविधा मिलेगी। इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग का लाभ उठाने के लिए अपने सभी पेट्रोल पम्प पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्‍वाईंट बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है। 
एडवांस बैट्री टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिकल वाहन के लिए मेटल एयर बैटरी निर्माण सुविधा स्थापित करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि बरौनी रिफाइनरी ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले छमाही में 2587.5 टीएमटी उत्पादन किया और 2602.0 टीएमटी डिस्‍पैच किया, इस दौरान जीआरएम 1.72/बीबीएल रहा। इसका मुख्य कारण क्रूड मिक्‍स वेरिएशन तथा हाई फ्यूल एवं लॉस था। बीएस-IV एवं VI परियोजना के अंतिम यूनिट एनएचटी, सीसीआर के लिए फीड कट पूरा किया गया है, कमीशनिंग के साथ परिचालनात्मक क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। एटीएफ के उत्पादन के लिए मेक इन इंडिया पहल के तहत स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित इंडजेट परियोजना का काम चल रहा है। विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत कंस्ट्रक्शन पावर का कार्य प्रगति पर है। नए एवीयू एरिया के लिए पाइलिंग कार्य एवं नए टैंक के लिए खुदाई शुरू हो गया है। फायर टैंकेज कार्य जोर-शोर से चल रहा है। कोविड-19 के दौरान रिफाइनरी ने आवश्यक सेवाओं के आधार पर संचालन को बनाए रखने के लिए संघर्ष किया, जिससे इंधन आवश्यकताओं को पूरा करने में सफल हुआ।
शुक्ला मिस्त्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की मांग प्रभावित होने से इंडियन ऑयल के सभी रिफाइनरियों को 50 प्रतिशत से भी कम थ्रुपुट पर चलना पड़ा। इस बीच घरेलू गैस एलपीजी के मांग में बढ़ोतरी हुई और इंडियन ऑयल ने देश की मांग को पूरा किया। अब सभी रिफाइनरी एक सौ प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालित हो रही हैं। प्रेस मीट के दौरान उन्होंने सामाजिक निगमित दायित्व के तहत किए जा रहे कार्य तथा कोरोना काल में स्थानीय नागरिक एवं प्रशासनिक स्तर को किए गए सहयोग पर भी विस्तार से चर्चा की। मौके पर‍ वरिष्ठ तकनीकी सेवा प्रबंधक बिक्रम जेवियर बाबा ने रिफाइनरी के तकनीकी माईलस्‍टोन, वित्तीय हाइलाइट, विस्तार परियोजना और सामुदायिक विकास पहल की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने किया।

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