डीटीओ के निर्देश को दरकिनार कर सड़क को ही बना दिया अघोषित स्टैंड
मोतिहारी। छतौनी में जाम का सबसे बड़ा कारण हैं प्राइवेट बस और सरकारी बस। साल के 365 दिन इन बस चालकों द्वारा सड़क पर जगह- जगह अघोषित रूप से बस स्टैंड बना दिया गया हैं। नेशनल हाईवे पर भी जाम का कारण बसों का अवैध पार्किंग हीं हैं। इस समस्या से आए दिन प्रशासन के लोग भी दो- चार होते हैं लेकिन इसका कोई स्थाई समाधान करने में अपने को अक्षम महसूस कर रहें हैं। छतौनी के किशोर कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि बिना प्रशासनिक संरक्षण के कोई भी बस चालक बीच सड़क पर कैसे पैसेंजर को बैठाते और उतारते हैं। ढाका रोड में सेंट्रल बैंक के बसतपुर शाखा के पास, छतौनी चौक पर भारतीय स्टेट बैंक के पास अघोषित बस और टेम्पो स्टैंड बना दिया गया हैं। आए दिन बैंक में लूट की घटनाएं हो रहीं हैं। बसतपुर शाखा में पूर्व में भी लूट की घटना हो चुकी हैं और लुटेरे भीड़ का फायदा उठाकर भाग गए। चिरैया,ढाका और घोड़ासहन से आनेवाली अधिकांश बसें छतौनी में सेंट्रल बैंक बसतपुर शाखा के पास ही रोककर पैसेंजर को उतारते हैं। बस के आतें ही टेम्पो चालक बस को चारों ओर से घेर लेते हैं जिसके कारण घंटों इस सड़क पर जाम लगा रहता हैं। इस रूट की अधिकांश बसों में मल्टी ट्यून प्रेशर हॉर्न का भी खुलेआम प्रयोग किया जाता हैं जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रतिबंध लगा रखा हैं। इन प्रेशर हॉर्न के कारण बगल के एलर्जी हॉस्पिटल के मरीजों को भी काफी परेशानी होती हैं। छतौनी चौक पर सिनेमा हॉल के पास सुबह से लेकर देर रात तक बस खड़ी रहती हैं और इसको स्थाई बस स्टैंड बना दिया गया हैं। छतौनी थाना की गस्ती गाड़ी भी यहाँ से होकर गुजरती हैं लेकिन कुछ भी कर नहीं पाती। सत्यब्रत पाण्डेय ने आरोप लगाया कि स्थानीय थाना के संरक्षण में ही छतौनी चौक पर बस रोककर पैसेंजर को चढ़ाया और उतारा जाता हैं जबकि बस स्टैंड 100 मीटर की ही दूरी पर स्थित हैं। छतौनी चौक पर अतिक्रमण हटाने के दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी अनुराग कौशल सिंह ने बस चालकों को चेतावनी दी थी कि बस स्टैंड में ही रोकें यहाँ-वहाँ नहीं अन्यथा बस मालिकों से सख्ती से पेनाल्टी वसूला जाएगा। वहीं हाल छतौनी चौक स्थित सुलभ शौचालय के सामने नेशनल हाईवे का हैं जहाँ पर राज्य ट्रांसपोर्ट की बसें लगती हैं जिसके कारण हाइवे पर दिन भर जाम लगता हैं। छतौनी थाना से महज 50 गज की दूरी पर मुज़फ्फरपुर और पटना जाने वाली गाड़ियाँ बस स्टैंड से निकलकर हाइवे पर ही रोककर पैसेंजर को बैठाने का काम करती हैं जिससे सुबह से ही हाइवे पर जाम लग जाता हैं। इन सभी बसों में भी प्रेशर हॉर्न का प्रयोग धरल्ले से किया जा रहा हैं। जब तक इन बस और टेम्पो चालकों के साथ सख्ती से पेश नहीं आया जाएगा तब तक जाम से मुक्ति मिलना असंभव ही लगता हैं। शहर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाया गया लेकिन शहरवासियों को जाम से अब तक मुक्ति नहीं मिल पायीं आखिर क्यों?
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