राजपथ पर गूंजेंगी वायुसेना बैंड की जोशीली धुनें

राजपथ पर गूंजेंगी वायुसेना बैंड की जोशीली धुनें

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नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शामिल होने के लिए वायुसेना का बैंड दल इस समय चिन अप, चेस्ट आउट, हेड्स हाई अलर्ट के साथ राजपथ पर तैयारी करने में जुटा है। भारतीय वायु सेना के वारंट अधिकारी अशोक कुमार पिछले 13 वर्षों से भारतीय वायु सेना के बैंड दल की अगुवाई करके अब इतिहास बनाने के […]
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शामिल होने के लिए वायुसेना का बैंड दल इस समय चिन अप, चेस्ट आउट, हेड्स हाई अलर्ट के साथ राजपथ पर तैयारी करने में जुटा है। भारतीय वायु सेना के वारंट अधिकारी अशोक कुमार पिछले 13 वर्षों से भारतीय वायु सेना के बैंड दल की अगुवाई करके अब इतिहास बनाने के कगार पर हैं। वह इस बार भी परेड में राजपथ पर मार्च करते हुए उस बैंड की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगे, जो मार्शल ट्यून बजाकर वायु योद्धाओं को गर्व से भर देगी। 
परेड का हिस्सा बनने वाले वायुसेना के इस बैंड में इस बार 72 म्यूजिशियन और 3 ड्रम मेजर्स शामिल होंगे। इसके बाद गणतंत्र दिवस का समापन यानी बीटिंग रिट्रीट का आयोजन विजय चौक पर किया जाना है। इसमें भी भारतीय वायुसेना के 115 म्यूजिशियन शामिल होंगे। इस बार परेड में कुल 100 एयर-वॉरियर हिस्सा लेंगे, जिनमें चार ऑफिसर रैंक के होंगे। पिछले साल वायुसेना की टुकड़ी को बेस्ट मार्चिंग-कंटिनजेंट का खिताब मिला था। 144 जवानों वाली वायुसेना की टुकड़ी का नेतृत्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीकांत शर्मा ने किया था। इससे पहले वायुसेना यह खिताब 2011, 12 और 13 में जीत चुकी है।  
भारतीय वायु सेना के वारंट अधिकारी अशोक कुमार लगातार 25 साल से गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बन रहे हैं, यह उनका 26वां साल है। वह पिछले 13 वर्षों से भारतीय वायु सेना के बैंड दल की अगुवाई करके अब इतिहास बनाने के कगार पर हैं। वह इस बार भी परेड में राजपथ पर मार्च करते हुए उस बैंड की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगे, जो मार्शल ट्यून बजाकर वायु योद्धाओं को गर्व से भर देगी। सबसे लंबे समय तक गणतंत्र दिवस की परेड में लगातार शामिल होकर रिकॉर्ड बनाने वाले अशोक कुमार वायुसेना के बैंड दल में 2008 में ड्रम मास्टर की हैसियत से शामिल हुए थे और 2009 से बैंड की टुकड़ी का नेतृत्व करना शुरू किया। इससे पहले लगातार 27 साल तक परेड में शामिल होकर भारतीय नौसेना के मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर रमेश चंद्रा ने रिकॉर्ड बना रखा है। अब वे रिटायर हो चुके हैं, इसलिए अशोक कुमार इस रिकॉर्ड की बराबरी करने से बस एक कदम दूर हैं। 
 
एक और खास बात यह है कि वायु सेना के वारंट अधिकारी अशोक कुमार के दो अन्य भाई भी बैंड दल में म्यूजिशियन हैं। उनका दूसरे नंबर का भाई सार्जेंट अनिल कुमार 23 साल से वायुसेना के बैंड का हिस्सा है और अभी भी उसकी 10 साल की सेवा है। सबसे छोटा भाई नाइक सुभाष कुमार आर्मी बैंड में है। उन्होंने भी कई बार परेड में भाग लिया है लेकिन इस बार वह दिल्ली से बाहर है। अशोक कुमार का कहना है कि जब तीनों भाई किसी समारोह में एक साथ शामिल होकर अपनी प्रस्तुति देते हैं तो सबसे ज्यादा ख़ुशी होती है। गर्व होता है कि हरियाणा के एक ही परिवार के तीन सगे भाई देश की सेवा में एक साथ गणतंत्र दिवस और बीटिंग रिट्रीट समारोहों में बैंड प्रतियोगिताओं का हिस्सा हैं। उनके परिवार का वर्दी से पुराना रिश्ता है क्योंकि उनके पिता ने भी खाकी पहनकर हरियाणा पुलिस में सेवा की है।
 
गणतंत्र दिवस की परेड में वायुसेना बैंड में आये बदलावों के बारे में अशोक कुमार कहते हैं कि पहले हमने केवल पश्चिमी मार्शल धुनें बजाईं लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने अपनी मूल रचनाओं को भी जोड़ा है जिसमें पश्चिमी और भारतीय धुनों का मिश्रण है। इसके बावजूद वर्षों तक पसंदीदा धुन…’सारे जहां से अच्छा…’ अभी भी सदाबहार है। कुमार कहते हैं कि संगीत और सेना के लिए उनका प्यार एक सपने के सच होने जैसा था जब वह 23 साल के युवा के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे। अभी उनके पास देश की सेवा करने के लिए 8 साल का और समय है। परेड में इस साल उनका बैंड दल दर्शकों को मोहित करने के लिए मार्शल ट्यून के अलावा तिरंगा सेनानी, वायु युद्ध, वायु शक्ति, निडर योद्धा धुनें बजाएगा जो स्काई वॉर, इवनिंग स्टार और ‘सारे जहां से अच्छा…’ के अलावा मूल रचनाएं हैं।

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