बजट सत्र: डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने 15 साल बनाम 15 साल पर तेजस्वी को आंकड़ों के साथ दिया जबाव

बजट सत्र: डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने 15 साल बनाम 15 साल पर तेजस्वी को आंकड़ों के साथ दिया जबाव

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पटना। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि बिहार नीतीश के नेतृत्व में चौतरफा विकास कर रहा है। हमने नई ऊंचाईयां तय की है । उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के दावों को नकारते हुए आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी। वे आज बजट पर हुई बहस का जवाब दे रहें थे। इस दौरान दोनों […]

पटना। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि बिहार नीतीश के नेतृत्व में चौतरफा विकास कर रहा है। हमने नई ऊंचाईयां तय की है । उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के दावों को नकारते हुए आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी। वे आज बजट पर हुई बहस का जवाब दे रहें थे। इस दौरान दोनों ओर से शेर-ओ-शायरी हुई।

डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे प्रमुख साथियों ने बजट पर सुझाव दिये हैं। जो अच्छे है उन पर अमल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष से भी बहमूल्य सुझाव आता है । उन्होंने कहा कि हमने कभी गत सरकार के 15 साल और वर्तमान सरकार के 15 साल की तुलना नहीं की। हमने आत्मनिर्भर बिहार की रुपरेखा बजट के माध्यम से प्रस्तुत की  थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुझे 15 साल बनाम 15 साल का आईना दिखाया है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि इसका जवाब देना मेरी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2005-06 में गैर योजना मद में 17 हजार 669 करोड़ रुपये था। राज्य योजना मद में 4 हजार 379 करोड़ रुपये और कुल योजना मद में 4 हजार 898 करोड़ रुपये था। जबकि कुल बजट का आकार 22 हजार 568 करोड़ रुपये था। प्रतिशत के हिसाब से देखे तो राज्य योजना के आकार 2005-06 में 19 प्रतिशत था और  योजना आकार का 21 प्रतिशत था। योजना मद में अगर 21 प्रतिशत का बजट रखा जायेगा तो उस राज्य का विकास कैसे होगा।उन्होंने कहा कि 2005-06 से पहले अस्पताल के बेड पर जानवार सोया करते थे। पुलों की जगह चचरी थी।

सदन में तेजस्वी द्वारा पेश किए गए आंकड़ों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़े बिहार को विकास की तरफ ले जाएंगे, नेता प्रतिपक्ष के नहीं। सरकार हम चला रहे वो नहीं। उनको जो आंकड़े पढ़ना था, उन्होंने पढ़ लिया। हमने सीएम नीतीश के साथ मिलकर बिहार को गढ़ने का काम किया है। हम बिहार के विकास के लिए काम कर रहे हैं, नेता प्रतिपक्ष नहीं। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण जहां एक ओर वर्ष 2020 में राजस्व प्राप्ति में कमी आई, वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण तत्काल आम आदमी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोक व्यय में वृद्धि हुई। बिहार की आर्थिक व्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए प्रयास किया गया है।

उन्होंने कहा कि बिहार के सतत विकास के लिए वर्ष 2015 में राज्य सरकार द्वारा सात निश्चय योजना को प्रारंभ किया गया था, जिसके उत्साहवर्धक परिणाम आए है, जिस से प्रेरित होकर बिहार सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों (2020 से 2025 तक) के लिए आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत सात लक्ष्य निर्धारित किए गये:- युवा शक्ति- बिहार की प्रगति, सशक्त महिला- सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव- समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर- विकसित शहर, सुलभ संपर्कता और सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं।

उन्होंने कहा कि युवा हमारे राज्य की बहुमूल्य पूंजी हैं। बिहार सरकार युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बजट 2021-22 में अनेक कार्यक्रम निर्धारित किए है। युवाओं के शिक्षा, प्रशिक्षण एवं युवा उद्यमिता विकास पर हमने विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हमारे युवा बाजार की मांग के अनुरूप आधुनिक तकनीक वाले रोजगार/स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे। युवाओं के लिए बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण, आधुनिक एवं गुणवत्ता वाले तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण तथा आधुनिक संयंत्रों एवं टूल्स पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सके। इसके लिए राज्य के प्रत्येक राजकीय आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक संस्थान में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की व्यवस्था की जाएगी।

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