
दिनकर आज भी प्रसांगिक, उनकी रचना में भावनाओं की अद्भुत अभिव्यक्ति: उप मुख्यमंत्री
पटना। राजधानी के विद्यापति भवन में शुक्रवार को आयोजित दिनकर शोध संस्थान स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी रचनाओं में जहां एक ओर ओज, आक्रोश, क्रांति की पुकार है तो वहीं, दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अद्भुत अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इन दोनों प्रवृत्तियों का चरमोत्कर्ष हमें उनकी कालजयी रचना कुरुक्षेत्र और उर्वशी में मिलता है।
डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक समानता और शोषण के खिलाफ उन्होंने कविताओं की रचना की। एक प्रखरवादी और मानवतावादी कवि के रूप में दिनकर ने ऐतिहासिक पात्रों और घटनाओं को ओजस्वी और प्रखर शब्दों का ताना-बाना दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का अलख जगाने वाली दिनकर की कविताएं 1975 के आंदोलन में पूरे देश को झकझोरने का काम किया था। स्वयं जयप्रकाश नारायण ने दिल्ली के रामलीला मैदान में दिनकर की कविताओं को सुनाकर युवा शक्ति से लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान किया था।
तारकिशोर प्रसाद ने दिनकर शोध संस्थान के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से युवा वर्ग को दिनकर की रचनाओं से प्रेरणा मिलेगी। युवा शक्ति बिहार के गौरवशाली परंपरा एवं बौद्धिक विरासत को अक्षुण्ण रखने में अपना अहम् योगदान देगी।
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री एवं अन्य आगत अतिथियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव, न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद, विधायक देवेश कांत, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
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