भाग 1:- लैंड शार्क: पुलिस माफिया नेक्सस से जमीन मालिक हलकान

भाग 1:- लैंड शार्क: पुलिस माफिया नेक्सस से जमीन मालिक हलकान

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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सागर सूरज शहर की बुद्धिजीवियों की प्रतिनिधि जल्द मिलेगी मुख्यमंत्री से मोतिहारी। पूरे जिले में भू-माफिया और पुलिस के नापाक गठजोड़ से आम आदमी हलकान है। पुलिस की लापरवाही के कारण ज़िले में कई ऐसे विवादास्पद भूमि है, जहां खूनी संघर्ष की संभावना प्रबल होती दिख रही है। एक तो दबंगों और आपराधिक चरित्र के […]

सागर सूरज

शहर की बुद्धिजीवियों की प्रतिनिधि जल्द मिलेगी मुख्यमंत्री से
मोतिहारी। पूरे जिले में भू-माफिया और पुलिस के नापाक गठजोड़ से आम आदमी हलकान है। पुलिस की लापरवाही के कारण ज़िले में कई ऐसे विवादास्पद भूमि है, जहां खूनी संघर्ष की संभावना प्रबल होती दिख रही है। एक तो दबंगों और आपराधिक चरित्र के लोगों के विरुद्ध कोई पुलिस के पास मुकदमे में नही जाता है अगर जाता भी है तो मुकदमे दर्ज नही होते अगर किसी किसी मामले में मुकदमा दर्ज भी हो गया तो पुलिसिया कार्रवाई सिफर रहती है। सिर्फ मोतिहारी में तकरीबन एक दर्जन स्थानों पर कमजोर लोगों की जमीन माफिया हड़पने के प्रयास में लगे हुए है अगर जहां पुलिस इन माफियाओं को सीधा लाभ नही पहुंचा पा रही है, वहां माफियाओं के सिक्कों के प्रभाव में आकर असली जमीन मालिक को झूठे मुकदमे में फंसा कर उसे जेल भेजा दिया जाता है या थकाया जाता है, ताकि जमीन मालिक भू-माफिया के शर्तों पर अपनी-जमीन बेचने पर मजबूर हो जाये। ताज़ा मामला पत्रकार कफील इकबाल की जमला स्थित जमीन का है, जिस पर कुछ दबंगों ने झूठा दावा करते हुए रंगदारी की मांग की थी। रंगदार आपराधिक पृष्ठभूमि के है, डेढ़ साल बीतने के बाद भी जमीन के समर्थन में आज तक कोई कागजात भी पुलिस को उपलब्ध नही करवाई जा सकी फिर भी पुलिस आज तक मुकदमे में कोई करवाई नही कर सकी। जबकि पत्रकार ने अपने जमीन के समर्थन में खतियान धारक से लेकर आज तक का निबंधित दस्तावेज, रशिद एवं दखल-कब्जा प्रमाण पत्र पुलिस को शपथ पत्र के साथ दे रखा है। अगर विपक्षी जमीन पर कागजी दावा साबित नही करता है, इसका मतलब साफ है रंगदारी की घटना सत्य होनी चाहिये। एक तरफ एक सच्चा पत्रकार तो दूसरी तरफ कई बार जेल जा चुका अपराधी। दूसरी घटना मोतिहारी नगर थाने के पास की बताई जाती है। इसमें एक तरफ कायस्थों एवम चिकित्सकों का सीधा- साधा परिवार है तो वही दूसरी ओर माफियाओं के तरफ से पुलिस और कुछ सफेदपोश चेहरे या यूं कहें नेता और कुछ तथाकथित पत्रकार के भेष में ‘लैंड शार्क्स’ इनलोगों ने कोर्ट में मुँह की खाने के बाद कई बार जमीन को कब्जे में लेने का प्रयास भी किया लेकिन असफलता की स्थिति में जमीन मालिकों पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया एवम एक झूठे मुकदमे को सत्य भी किया गया। ताकि माफियाओं को जमीन का कब्जा दिलाया जा सके। जबकि माफियाओं के ऊपर इस मामले में दर्ज सभी मामले अभी तक जांच में ही है। बता दे जमीन के मामले में ही रघुनाथपुर पुलिस पर रविवार को भयानक हमला हुआ जिसमें एक दरोगा सहित चार पुलिस कर्मी बुरी तरह घायल हो गए।

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