इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होकर और खतरनाक हुआ लड़ाकू राफेल

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होकर और खतरनाक हुआ लड़ाकू राफेल

Reported By BORDER NEWS MIRROR
Updated By BORDER NEWS MIRROR
On

नई दिल्ली भारत का फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होकर और ज्यादा खतरनाक हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) हवा, समुद्र, जमीन या अंतरिक्ष से क्रू और बिना क्रू सिस्टम से लड़ा जा सकता है।

iaf_55

इस दौरान दुश्मन के संचार, राडार या अन्य सैन्य और नागरिक संपत्तियों को लक्ष्य बनाकर नष्ट किया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध किसी भी हमले में विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (ईएम स्पेक्ट्रम) या निर्देशित ऊर्जा का उपयोग करके दुश्मन को नियंत्रित करता है या दुश्मन के हमलों को रोकता है।

भारतीय वायु सेना ने भारत की लड़ाकू क्षमता बढ़ने का उल्लेख करते हुए रविवार को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस लड़ाकू विमान राफेल की तस्वीरें जारी की।

आधिकारिक ट्वीट में बताया गया है कि अब राफेल विमान को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के दौरान उच्च स्तर की स्थितिजन्य जागरुकता प्रदान करने की क्षमता के साथ आधुनिक हथियारों की विस्तृत श्रृंखला ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) किसी भी हमले में विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम या निर्देशित ऊर्जा का उपयोग करके दुश्मन को नियंत्रित करता है या दुश्मन के हमलों को रोकता है। यानी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होकर लड़ाकू राफेल विमान और ज्यादा खतरनाक हो गया है।

दरअसल, युद्ध के दौरान विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम को विद्युत चुम्बकीय वातावरण (ईएमई) के रूप में जाना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी को ईएम स्पेक्ट्रम का फायदा उठाने से रोकना और अपने अनुकूल ईएम स्पेक्ट्रम के जरिये दुश्मन तक पहुंच सुनिश्चित करना होता है।

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हवा, समुद्र, जमीन या अंतरिक्ष से क्रू और बिना क्रू सिस्टम से लड़ा जा सकता है। इस दौरान दुश्मन के संचार, राडार या अन्य सैन्य और नागरिक संपत्तियों को लक्ष्य बनाकर नष्ट किया जा सकता है। इसे आमतौर पर 'जैमिंग' के रूप में संदर्भित किया जाता है और इसका इस्तेमाल संचार प्रणालियों या रडार सिस्टम पर किया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इन्फ्रारेड और रेडियो फ्रीक्वेंसी काउंटर मेशर, इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर मेशर या एंटी-जैमिंग, इलेक्ट्रॉनिक मास्किंग, जांच, टोही और खुफिया, इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा, ईडब्ल्यू रिप्रोग्रामिंग, स्पेक्ट्रम प्रबंधन और युद्धकालीन रिजर्व मोड का इस्तेमाल किया जाता है।

ईडब्ल्यू मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक हमला (ईए), इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा (ईपी) और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध समर्थन (ईएस) के रूप में होता है। विकिरण-विरोधी हथियारों के मामले में कई बार मिसाइल या बम शामिल होते हैंजो सीधे सिस्टम प्रसारण को नष्ट कर सकते हैं।

 

 

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

सफेदपोशों के आगे नतमस्तक दिखा प्रशासन, हरसिद्धि में अतिक्रमण कार्रवाई पर सवाल सफेदपोशों के आगे नतमस्तक दिखा प्रशासन, हरसिद्धि में अतिक्रमण कार्रवाई पर सवाल
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण। जिले के हरसिद्धि प्रखंड मुख्यालय और बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन की कार्रवाई एक...
कल्याणपुर थाना हाजत में बंद कैदी की संदिग्ध मौत, उच्चस्तरीय जांच शुरू
कोटवा में भीषण सड़क हादसा: बेकाबू ट्रक ने 5 लोगों को रौंदा, एक दर्जन से अधिक घायल
चोरों को पकड़ने गई मोतिहारी पुलिस के चार सदस्य खुद चोरी मे गिरफ्तार
Violent Clash Leads to MGCU Suspension of Five Students
तुरकौलिया मे अतिक्रमणकारियों पर शामत
मोतिहारी मे वीआईपी के प्रखंड अध्यक्ष की गोलीमार हत्या

Epaper

YouTube Channel

मौसम