
निगम चुनाव: अंजू देवी भी मैदान में, विवादास्पद पोस्ट में सुधार के बाद भाजपा नेता बैकफुट पर
सागर सूरज, मोतिहारी। नगर निकाय के चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रत्याशियों की गहमा गहमी तेज हो गयी है।

मंगलवार को भाजपा के शीर्ष नेता के विवादास्पद ‘व्हिप’ को चुनौती देते हुए भाजपा नेता भोला गुप्ता की पत्नी सह पूर्व नगर परिषद् अध्यक्ष अंजू देवी ने राधा सिकरिया बीएड कॉलेज के विशाल हॉल में महिलाओं के ‘जन सैलाब’ के बीच मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है।
पार्टी स्तर पर चुनाव ना होने के बावजूद भाजपा के एक शीर्ष नेता द्वारा बैठक कर मेयर, उप मेयर के रूप में अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने एवं इन प्रत्याशियों के समर्थन करने के विवादास्पद ‘व्हिप’ का जबरदस्त विरोध भी होना शुरू हो गया है।
मंगलवार के कार्यक्रम के पीछे की ‘ब्रेन चाइल्ड’ शिक्षाविद सह उद्योगपति डॉ. शम्भूनाथ सिकरिया बताए जाते हैं, जिन्होंने अंजू देवी को मैदान में लाकर न केवल भाजपा खेमे में पलीता लगाने का कार्य किया है बल्कि अपने पुत्र जमुना सीकरिया को अचानक से मैदान में न लाकर सबको हतप्रभ कर दिया।
बता दे कि विगत कई महीनों से जमुना सिकरिया भी मेयर पद की तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा द्वारा अन्य प्रत्याशी को मैदान में उतार देने से जमुना सीकरिया खुद को मैदान से बाहर करते हुए अंजू देवी पर दांव लगाना ही बेहतर समझा।
कार्यक्रम में डॉ. शम्भू सीकरिया ने अंजू देवी को जगत गुरू शंकराचार्य द्वारा प्रदत स्वर्ण रुद्राक्ष का माला भेंट करते हुए चुनावी विगुल फूंक दिया। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंजू देवी और पूर्व विधायक त्रिवेणी तिवारी ने कहा कि यह लड़ाई आर- पार की है, जो आम लोगों के सहयोग से लड़ा जाना है।
सनद रहे कि हाल में ढाका के भाजपा विधायक पवन जयसवाल ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह के विरुद्ध विरोध का विगुल फूकते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से चंपारण में स्वंभू तरीके से हो रहे मनमानी में हस्तक्षेप की मांग की है।
विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने एक बैठक के बाद प्रकाश अस्थाना को मेयर एवं लाल बाबु प्रसाद गुप्ता को उप मेयर के रूप में नामों की घोषणा करते हुए इन्हीं को वोट देने का नादिशाही पैगाम जारी कर दिया। यही नहीं श्री सिंह ने दोनों प्रत्याशियों के फोटो को फेसबुक पर डाल कर वोट की मांग भी कर डाली।
हालांकि, मीडिया अटेंशन और पार्टी अंतर्कलह के बाद श्री सिंह ने पोस्ट को थोड़ा मॉडिफाई करते हुए वोट देने की बात तो हटा दी, लेकिन तस्वीर और शेर वहीं रहने दिया। लेकिन समझा जाता है कि श्री सिंह की यह कार्रवाई उनको बैकफूट पर लाकर खड़ा कर दिया।
जयसवाल के अलावा भी पार्टी के भीतर ही विरोध के शुर उठने लगे है। मेयर या उप मेयर के रूप में अपने आप को भाजपा की ओर से सशक्त दावेदार के रूप में मानने वाले संजीव सिंह, डॉ हिना चंद्रा, मोहिबुल हक और रविभूषण श्रीवास्तव के बीच भी विरोध के सुर चरम पर है।
कईयों को खामोश करने की कार्रवाई लगातार जारी है। भाजपा बुद्धिजीवी मंच के संयोजक अनिल वर्मा तो पहले ही मेयर पद पर दावा करते हुए लोगों से वोट भी मांग रहे हैं।
कयास तो ये लगाये जा रहे हैं कि पार्टी के विवादास्पद व्हिप के विरुद्ध कुछ और प्रत्याशी पार्टी के कथित प्रत्याशी के विरुद्ध मैदान में उतर सकते हैं।
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