सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को लगाई लताड़
अगर 3 जुलाई को नहीं होगी हाईकोर्ट में सुनवाई तब जाकर 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सुनवाई

बिहार सरकार को जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत मिलती नहीं दिख रही है| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले से ही हाई कोर्ट में है| इस मामले की सुनवाई तीन जुलाई को होने वाली है| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर 3 जुलाई को सुनवाई नहीं हुई तो जाकर हम 14 जुलाई को जातीय जनगणना पर सुनवाई करेंगे।
सरकार के तरफ से अपना पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि जनगणना का लगभग 80 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। इसी बीच हाईकोर्ट ने अपने तत्कालीन प्रभाव से आदेश देकर इस काम को बंद करने का आर्डर पारित किया। आगे वकील ने पक्ष रखते हुए कहा कि हमें और 10 दिन दे दिया जाए| इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें देखना है कि यह सर्वे है या जनगणना| सरकार डाटा को कैसे प्रोटेक्ट करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के बाद हम इस पर देखेंगे कि इस पर आगे सुनवाई करना है या नहीं| अगर किसी कारण बस यह याचिका 3 जुलाई को नहीं सुनवाई होगी तो हम मामले की सुनवाई करेंगे।
आपको बता दें कि कल सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करने वाले 2 जजों की बेंच से जस्टिस संजय करोल ने खुद को अलग कर लिया है| जिसके बाद मामले को दोबारा चीफ जस्टिस के पास भेज दिया गया था, ताकि नई बेंच का गठन किया जाए।
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