नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब खुद ही किसान आंदोलन की कमान थाम ली है। नये कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री ने एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में किसानों की मांग और उन बिंदुओं पर चर्चा की गई जिस पर किसान संगठनों और सरकार के बीच सहमति बनी है।
7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शामिल रहे। तकरीबन दो घंटे चली बैठक में किसानों की मांगों पर बिंदुवार चर्चा की गई। दोपहर दो बजे किसानों और सरकार के बीच वार्ता से पहले प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर ने उम्मीद जताई कि किसान आंदोलन का रास्ता छोड़ेंगे और सकारात्मक दिशा में सोचेंगे। सूत्रों की तो बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात के संकेत दिए कि अगर जरूरत पड़ी तो वह स्वयं किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
उधर, किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी। अगर आज हल नहीं निकलता तो 8 दिसम्बर को भारत बंद करेंगे।
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