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क्या भारत का लोकतंत्र फर्जी है?

क्या भारत का लोकतंत्र फर्जी है? डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत के किसानों ने विपक्षी दलों पर जबर्दस्त मेहरबानी कर दी है। छह साल हो गए और वे हवा में मुक्के चलाते रहे। अब किसानों की कृपा से उनके हाथ में एक बोथरा चाकू आ गया है, उसे वे जितना मोदी सरकार के खिलाफ चलाते हैं, वह उतना ही उनके खिलाफ चलता […]
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करो आंदोलन, सड़कों को बख्शो

करो आंदोलन, सड़कों को बख्शो आर.के. सिन्हा किसी भी लोकतांत्रिक देश में नागरिकों को अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन का अधिकार है। यह अधिकार मिलना भी चाहिये और यही लोकतंत्र की आत्मा है। जरूरी नहीं कि हर नागरिक सरकार के हरेक फैसले से खुश हों। इसलिए आंदोलन ही उनके पास विकल्प भी बचता है। लेकिन इस क्रम […]
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किसान आंदोलन और कृषि सुधार के प्रयास

किसान आंदोलन और कृषि सुधार के प्रयास डॉ. दिलीप अग्निहोत्री पिछले कई दशकों में कृषि कार्य की लागत तो बढ़ती रही, लेकिन उसके अनुरूप किसानों को लाभ दिलाने के पर्याप्त प्रयास नहीं किये गए। इससे किसानों का कृषि से धीरे-धीरे मोहभंग होता गया। गांवों से बेहिसाब पलायन इसका प्रमाण था। इसका मतलब था कि पिछली व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता थी। शायद […]
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रामानुजनः गणितज्ञों के गणितज्ञ

रामानुजनः गणितज्ञों के गणितज्ञ रामानुजन                     राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसम्बर) पर विशेष भारत में ऐसे कई महान गणितज्ञ हुए, जिन्होंने न केवल भारतीय गणित के चेहरे को बदलने में अनमोल योगदान दिया बल्कि विश्वभर में अत्यधिक लोकप्रियता भी हासिल की। ऐसे ही गणितज्ञों में ब्रह्मगुप्त, आर्यभट्ट तथा श्रीनिवास रामानुजन […]
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किसान बचें नेताओं से

किसान बचें नेताओं से डॉ. वेदप्रताप वैदिक किसान नेताओं को सरकार ने जो सुझाव भेजे हैं, वे काफी तर्कसंगत और व्यवहारिक हैं। किसानों के इस डर को बिल्कुल दूर कर दिया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होनेवाला है। वह खत्म नहीं होगा। सरकार इस संबंध में लिखित आश्वासन देगी। कुछ किसान नेता चाहते हैं कि इस मुद्दे […]
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लव जिहाद का दुश्चक्र भेदने में समर्थ है योगी सरकार का विधेयक?

लव जिहाद का दुश्चक्र भेदने में समर्थ है योगी सरकार का विधेयक? डॉ. निवेदिता शर्मा भारतीय साहित्‍य प्रेम आख्‍यानों से भरा पड़ा है। प्रेम होते समय यह नहीं देखता कि स्‍त्री-पुरुष के बीच कौन-सा पंथ, धर्म, सम्‍प्रदाय है, प्रेम तो बस हो जाता है। पुरातन से लेकर आधुनिक साहित्‍य का कोई भी पन्‍ना उठा लें, यही  कहता नजर आएगा कि प्रेम सिर्फ समर्पण का नाम है-”जब प्‍यार करे कोई तो देखे […]
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कोविडः लापरवाही की मिसाल देश की राजधानी

कोविडः लापरवाही की मिसाल देश की राजधानी अनिल निगम देश की राजधानी दिल्ली में कोविड महामारी का भीषण प्रकोप देखा जा रहा है। सरकार और जनता, दोनों ही स्तरों पर घोर लापरवाही का ही नतीजा है कि आज दिल्ली की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ रहे हैं। मौतें अधिक होने के कारण मृतकों का अंतिम संस्कार रात […]
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जहरीली शराब से मौत और व्यवस्था को चुनौती

जहरीली शराब से मौत और व्यवस्था को चुनौती सियाराम पांडेय ‘शांत’ लखनऊ: फिरोजाबाद, हापुड़, मथुरा,आगरा, बागपत और मेरठ में जहरीली शराब के तांडव के बाद प्रयागराज जिले के फूलपुर थाना क्षेत्र के चार गांवों के छह लोग जहरीली शराब के सेवन से असमय काल कवलित हो गए। इस घटना के बाद हरकत में आए प्रशासन ने एक ही संचालक के तीन शराब ठेकों […]
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इमरान और इर्दोगन डाल रहे हैं आग में घी

इमरान और इर्दोगन डाल रहे हैं आग में घी बिक्रम उपाध्याय फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन के बयान से उठे बवाल को पाकिस्तान और तुर्की खूब हवा दे रहे हैं। इस्लामाबाद और इस्तांबुल में इस बात की होड़ लगी है कि कौन कितना आग में घी डाल सकता है। इमरान खान और इर्दोगन मुसलमानों में यह संदेश पहुंचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि […]
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भारत से क्या रिश्ता है पाक के विपक्ष का

भारत से क्या रिश्ता है पाक के विपक्ष का आर.के. सिन्हा पाकिस्तान के विपक्ष का भारत से भी कोई संबध है? भले इस तरह की बात न हो क्योंकि भारत का किसी अन्य मुल्क के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का इरादा कभी रहा नहीं। पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की खासमखास कैबिनेट मंत्री शिरिन मजारी को यही लगता है। विगत 26 अक्तूबर को […]
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भारत न बने किसी का मोहरा

भारत न बने किसी का मोहरा डॉ. वेदप्रताप वैदिक अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर 26-27 अक्तूबर को दिल्ली में हमारे विदेश और रक्षा मंत्री से मिलकर एक समझौता करेंगे, जिसका नाम है- ‘बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता’ (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट)। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चल रही चीन की दादागीरी […]
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संयुक्त राष्ट्रः ढांचागत सुधारों की जरूरत

संयुक्त राष्ट्रः ढांचागत सुधारों की जरूरत योगेश कुमार गोयल विश्वभर में प्रतिवर्ष 24 अक्तूबर को ‘संयुक्त राष्ट्र दिवस’ मनाया जाता है। 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र पर हस्ताक्षर कर संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया था। पिछले माह 26 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए […]
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