संगीन के साये मे मोतिहारी अंचल का आरटीपीएस कार्यालय

संगीन के साये मे मोतिहारी अंचल का आरटीपीएस कार्यालय

Reported By SAGAR SURAJ
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ताजा मामला मोतिहारी अंचल कार्यालय के आरटीपीएस कार्यालय से जुड़ा है जहां के सभी कर्मचारी संगीन के साये मे जीने को विवस है | कर्मचारियों का कहना है कि जर्जर भवन और बीच बीच मे छत से टूट कर गिरता प्लैस्टर कभी भी उनके लिए जानलेवा बन सकता है |

 

सागर सूरज

मोतिहारी। सरकार के कर्मचारी और अधिकारियों के प्रति आम लोगों की नजरिया प्रायः गलत ही होता है, क्योंकि आम लोगों की अपेक्षाएं इनसे काफी ज्यादा होती है, लेकिन इन अधिकारियों, कर्मचारियों की कई अपनी समस्या  भी है, जो प्रायः अखबार की सुर्खियों से गायब ही रहते है |

ताजा मामला मोतिहारी अंचल कार्यालय के आरटीपीएस कार्यालय से जुड़ा है जहां के सभी कर्मचारी संगीन के साये मे जीने को विवस है | कर्मचारियों का कहना है कि जर्जर भवन और बीच बीच मे छत से टूट कर गिरता प्लैस्टर कभी भी उनके लिए जानलेवा बन सकता है |

यही नहीं मानसून की पहली बूंद ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है | जल जमाव और फिर उसको पार कर कार्यालय मे पहुंचना फिर कार्यालय के जर्जर छत से सावधान रहते हुए दिन भर लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरना यह भी कम चुनौतियों से भरा नहीं होता ऐसे मे वे अपनी पीड़ा किसे साझा करे यह भी सवालों मे है |

बताया गया कि वर्षों से इस कार्यलय के रखरखाव के लिए कोई राशि नहीं मिली हैं, जिसके कारण कार्यालय की स्थिति नारकीय बनी हुई हैं। कार्यलय की स्थिति इतनी खतरनाक हो चुकी हैं कि उसके दीवार से पानी अंदर कार्यलय में जमा हो जा रहा हैं। दीवार से पानी रिसने के कारण भवन के गिरने का भी खतरा रहता हैंअभिलेखों में दीमक लगने की संभावना बढ़ गयी हैं। पानी जमा होने से मच्छर का प्रकोप बढ़ गया हैं। जर्जर स्थिति के कारण साँप-बिच्छू का भय हमेशा बना रहता हैं।   

                                                   

 सबसे भयानक स्थिति तो आरटीपीएस कार्यालय की हैं, जहाँ के कर्मचारी रोज अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता हैं कि आरटीपीएस कार्यालय का छत इतनी बुरी तरह से जर्जर हो चुका हैं कि छत का सरिया तक दिखाई दे रहा हैं। कई बार तो छत का मलवा कंप्यूटर और कार्यालय कर्मियों के ऊपर भी गिर चुका हैं, जिसमें कर्मियों को काफी चोट भी लगी थी।

 आलम यह हैं कि कब किसकी जान चली जाए कहना मुश्किल हैं। कर्मचारियों में भय व्याप्त हैं. लेकिन अपने अधिकारी के डर से मुँह तक नहीं खोलते। पता नहीं कब किस पर गाज गिर जाए! नौकरी खतरे में न पड़ जाए। इस संबंध में अंचल नाजिर संतोष कुमार ने बताया कि आरटीपीएस कार्यालय की स्थिति के बारे में भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता सुमन कुमार को व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से करीब आठ माह पूर्व ही इसकी सूचना दी जा चुकी हैं, लेकिन आज तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया हैं। ऐसा लगता हैं कि जब तक किसी कर्मचारी की जान नहीं चली जाती तब तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लेंगे। विगत शुक्रवार को ही सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रेष्ठ अनुपम ने अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया और सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार गुप्ता को अंचल कार्यालय की स्थिति को सुधारने का निर्देश दिया। विडंबना हैं कि राजस्व कार्यालय की मरम्मत राजस्व के अभाव में रुकी हुई हैं।

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