रक्सौल अनुमंडल अस्पताल में फर्श पर महिला की डिलिवरी हुई, एक भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं थे मौजूद
वीडियो सामने आया, अधिकारी बोले- दोषियों पर होगी कार्रवाई
रक्सौल अनुमंडल अस्पताल का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक महिला की डिलीवरी फर्श पर ही कराई जा रही है। वहां कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं थे। प्रसव पीड़ित महिला के परिजनों का आरोप है कि यहां प्रसव होने के दौरान और इसके बाद भी अस्पताल के कोई स्वास्थ्यकर्मी यहां नहीं पहुंचे।
प्रसव भी मरीज के साथ आई महिलाओं द्वारा कराया गया है। वीडियो 13 सितंबर का है और गुरुवार को सामने आया है । रक्सौल के बड़ा परेउआ की एक महिला प्रसव के लिए अस्पताल पहुंची। प्रसव पीड़िता के अस्पताल पहुंचने पर उसको स्ट्रेचर मुहैया नहीं कराया गया। उसके परिजन महिला को पैदल ही प्रसव कक्ष की ओर ले जाने लगे।
तेज दर्द के कारण महिला इमरजेंसी वार्ड के तरफ ही फर्श पर गिर गई और प्रसव पीड़ा होने के कारण महिला ने वहीं बच्चे को जन्म दिया। दूसरी तरफ रक्सौल के पुरंदरा निवासी अमन कुमार ने डीएम को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि अपनी चाची की प्रसव पीड़ा होने के बाद 12 सितंबर की रात अस्पताल लाए थे। 12 की रात से लेकर 13 सितंबर की सुबह तक मरीज का बीपी ज्यादा होने के बाद भी उन्हें किसी तरह की दवाई अस्पताल से नहीं दी गई। 13 सितंबर की सुबह कार्यरत नर्स ने धमकी देते हुए कहा कि यहां डिलेवरी नहीं होगी, जहां मन है वहां ले जाओ।
वीडियो सामने आने के बाद सिविल सर्जन अंजनी कुमार ने कहा कि जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अमीत जायसवाल के द्वारा जीएनएम सुजाता रानी, ममता फुलकली देवी, धर्मा देवी, संध्या देवी व गार्ड मुनिलाल राम, नरेश ठाकुर, प्रकाश कुमार पर वायरल वीडियो को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। डॉ अमित ने बताया कि इस तरह का कृत्य क्षमा योग्य नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है, दोषी पर कार्रवाई जरूर होगी।
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