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जीवनः प्रकाश-अंधकार का खेल

जीवनः प्रकाश-अंधकार का खेल हृदयनारायण दीक्षित भारतीय अनुभूति में अनेक देवता हैं। सभी देव शक्तियाँ दिव्य हैं और दिव्यता प्रकाश है। परम तत्व सर्वत्र ज्योतिर्मय प्रकाशरूपा है। वह एकमेव ‘एकं’ है। ऋग्वेद के ऋषि ने उस एक को एकं सद् कहा है। अष्टावक्र ने जनक की विद्वत सभा में उस एक परम को ‘‘ज्योर्तिएकं‘‘ बताया था। वह एक ज्योति […]
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