जयपुर। जयपुर कमिश्नरेट के थानों में चोरी,नो पार्किंग,लावारिस मिलने वाले वाहन, शराब तस्करी सहित अन्य मामलों में जब्त 15 हजार से ज्यादा वाहन कबाड़ में तब्दील होते नजर आ रहे है। चोरी के जब्त वाहनों के मालिकों को पुलिस की ओर से अवगत कराया गया, लेकिन एफआर मिलने पर इंश्योरेस कंपनी से क्लेम उठा चुके […]
जयपुर। जयपुर कमिश्नरेट के थानों में चोरी,नो पार्किंग,लावारिस मिलने वाले वाहन, शराब तस्करी सहित अन्य मामलों में जब्त 15 हजार से ज्यादा वाहन कबाड़ में तब्दील होते नजर आ रहे है। चोरी के जब्त वाहनों के मालिकों को पुलिस की ओर से अवगत कराया गया, लेकिन एफआर मिलने पर इंश्योरेस कंपनी से क्लेम उठा चुके मालिकों ने भी चुप्पी साध ली। दूसरी ओर इंश्योरेंस कंपनियों को कई बार वाहनों के बारे में सूचना भेजी गई, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी भी कबाड़ वाहनों को उठाने को लेकर अनदेखी कर रही है।
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर शहर जयपुर प्रथम अजयपाल लांबा ने बताया कि पुलिस द्वारा छोटी-मोटी दुर्घटना या अन्य मामले में वाहन को जब्त करने के बाद थाने में खड़ा कर दिया जाता है। चोरी होने वाले वाहन भी ज्यादातर बीमा शुदा होते हैं। वाहन मालिक वाहन का बीमा होने से बीमा कंपनी से क्लेम की राशि उठा लेते हैं और जब्त वाहन को छुड़वाने नहीं आते हैं। वहीं बीमा कंपनी भी इन वाहनों का क्लेम जारी करने के बाद वापस नहीं उठाती है। इससे जब्त वाहनों की तादात दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
इंश्योरेंस कंपनी कबाड़ हुए वाहनों को जगह के अभाव के चलते थानों से नहीं ले रही है
सूत्रों की माने तो इंश्योरेंस कंपनी कबाड़ हुए वाहनों को जगह के अभाव के चलते भी थानों से नहीं ले रही है। हालांकि राजस्थान पुलिस की ओर से दो वर्ष पूर्व मालखाना खाली करो अभियान चलाया गया था। जिसके तहत जब्त किए वाहनों की नीलामी भी की गई थी, मगर ज्यादातर कबाड़ वाहनों को खरीदने के लिए लोगों ने इच्छा नहीं दिखाई और थाना परिसर में कबाड़ वाहन यथा स्थिति पड़े नजर आए। कबाड़ हुए वाहनों की कीमत करीब सात करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। बारिश के पानी के कारण वाहनों पर लगी मिट्टी में भी पौधे व घास उग आई है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News
DM takes ‘strong exception’ to grafts allegation, DEO and DPO under scanner
19 Sep 2024 19:56:27
DEO under scanner also for illegally continuing Sahab Alam- a junior officer on the post going beyond the departmental rules...
Comments