बे मौसम बरसात की मार से किसान बेहाल

बे मौसम बरसात की मार से किसान बेहाल

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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बिहारशरीफ। मई में हुई बेमौसम बारिश से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन में खरीदार गांव तक नहीं पहुंच पाये। नतीजा, चचरी पर रखा-रखा प्याज अब सड़ रहा है। लाचार किसान सड़क पर प्याज फेंकने को मजबूर हो रहे हैं। मौसम की मार से किसानों का हौसला पस्त […]
बिहारशरीफ। मई में हुई बेमौसम बारिश से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन में खरीदार गांव तक नहीं पहुंच पाये। नतीजा, चचरी पर रखा-रखा प्याज अब सड़ रहा है। लाचार किसान सड़क पर प्याज फेंकने को मजबूर हो रहे हैं। मौसम की मार से किसानों का हौसला पस्त हो गया। हार्वेस्टिंग के समय हरनौत प्रखंड के सैकड़ों एकड़ में तैयार प्याज बारिश के कारण चौपट हो गयी है। सबसे ज्यादा प्रखंड के द्वारिका बिगहा गांव में प्याज की खेती की जाती है। पिछली बार प्याज की कीमत बढ़ी तो किसानों के हौसले परवान चढ़ गये थे। 
अच्छी कमाई की उम्मीद लगाकर द्वारिका बिगहा के दर्जनों किसानों ने इस बार दो सौ बीघे में प्याज लगाया गया था लेकिन बार-बार बेमौसम बारिश होने के चलते खेत में ही प्याज की फसल पानी खा गया। खरीदार भी नहीं आए।200 बीघे में इस बार द्वारिका बिगहा में की गयी थी प्याज की खेती पूंजी के साथ किसानों की मेहनत भी डूब गयी है। लॉकडाउन के कारण किसान दोहरी मार झेल रहे हैं। प्याज के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इस कारण उत्पादकों के चेहरे की लालिमा फीकी पड़ गयी है। मंडियों में लागत से भी कम दाम मिल रहा है। नौबत ऐसी कि पूंजी और मेहनत कर उपाजाये गये प्याज को प्याज फेंक रहे हैं।
 प्याज लगाने में जुटे गांव के प्रधान, शंभू, रामजी, विकास, राजेश ने बताया कि 200 बीघा में प्याज की खेती गांव के लोगों ने किया था।इस गांव के 100 से अधिक किसान प्याज की व्यावसायिक खेती करते हैं। इस साल अधिक कीमत मिलने का अनुमान था। इस कारण सभी किसानों ने औसत से अधिक प्याज की खेती की थी। हालात ऐसे हैं कि लागत भी नहीं निकलपा रही है। द्वारिका बिगहा गांव प्याज उत्पादन में मशहूर है। यहां के किसान धान के अलावा प्याज की खेती पर आर्थिक रूप से निर्भर रहते हैं। 

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