नई दिल्ली। पैन्गोंग झील के दक्षिण में गुरुंग हिल के पास 08 जनवरी को हिरासत में लिये पीएलए सैनिक को 72 घंटे बाद सोमवार सुबह 10.10 बजे चीन को सौंप दिया गया है। इसके पहले चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वाइंट पर दोनों देशों के सैन्य अधिकरियों के बीच बैठक हुई जिसमें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कागजी कार्यवाही पूरी की गई। भारत की […]
नई दिल्ली। पैन्गोंग झील के दक्षिण में गुरुंग हिल के पास 08 जनवरी को हिरासत में लिये पीएलए सैनिक को 72 घंटे बाद सोमवार सुबह 10.10 बजे चीन को सौंप दिया गया है। इसके पहले चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वाइंट पर दोनों देशों के सैन्य अधिकरियों के बीच बैठक हुई जिसमें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कागजी कार्यवाही पूरी की गई। भारत की हिरासत में आने के बाद चीन की ओर से पीएलए सैनिक को लौटाने की गुहार लगाई गई थी।
भारतीय सेना ने 08 जनवरी को सुबह पैन्गोंग झील के दक्षिण में गुरुंग हिल के पास भारतीय क्षेत्र में घूमते हुए चीन सेना के एक सैनिक को कब्जे में लिया था। भारतीय सेना ने उसे अपनी कैद में लेने के बाद पूछताछ शुरू करने के साथ ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को भी इस बावत जानकारी दे दी थी। भारतीय जांच एजेंसियों ने जासूसी के एंगल से भी जांच-पड़ताल की। भारत को आशंका थी कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान कहीं ये चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में जासूसी तो नहीं कर रहा था। इसीलिए उसे अपनी कैद में लेने के बाद सेना के अधिकारियों ने पूछताछ और जासूसी के एंगल से जांच करनी शुरू कर दी। यह भी जांच की गई कि उसने किन परिस्थितियों में एलएसी पार की। जांच-पड़ताल में पाया गया कि उसने अनजाने में सीमा पार की थी।
इस बीच चीन ने भारतीय सीमा में घुसे अपने सैनिक को तत्काल लौटाने की गुहार लगाई थी। चीन का कहना था कि उसका जवान अंधेरे और मुश्किल रास्तों की वजह से भटककर भारतीय क्षेत्र में चला गया है। चीन ने धमकी भरे अंदाज में यह भी कहा कि भारत उसे लौटाने में देर न करे और सीमा समझौते का पालन करे। पूछताछ में संतुष्ट होने के बाद पीएलए सैनिक को चीनी अधिकारियों को सौंपने की कार्यवाही शुरू की गई। भारत और चीन के अधिकारियों के बीच सोमवार सुबह चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वॉइंट पर बैठक हुई जिसमें नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार पीएलए सैनिक को चीन के सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया।
यह इस तरह का दूसरा मामला है। इसी तरह पिछले साल 19 अक्टूबर को एक चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने डेमचोक इलाके के पास से पकड़ा था। उसके पास से सिविल और सैन्य कागजात बरामद हुए थे। साथ ही चीनी सेना का आई कार्ड भी मिला, जिससे पता चला कि वह चीन के शांगजी इलाके का रहने वाला वांग या लांग और पीएलए में कॉरपोरल रैंक पर है। पूछताछ में पता चला कि वह अनजाने में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। भारतीय हिरासत में दो दिन रहने के बाद 21 अक्टूबर को चुशुल-मोल्दो सीमा कर्मियों की बैठक के बाद उसे चीन को सौंप दिया गया था।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन ने हाल के दिनों में पैन्गोंग झील के दक्षिणी ओर कैलाश रेंज की रेजांग लॉ, रेचिन लॉ और मुखपारी चोटियों के विपरीत 30-35 टैंक तैनात किए हैं। भारतीय चौकियों के सामने तैनात किए गए यह चीनी टैंक वजन में हल्के हैं और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं। 8वें दौर की सैन्य वार्ता तक चीन इन्हीं अहम चोटियों से भारतीय सैनिकों को हटाने की जिद पर अड़ा है लेकिन भारत ने चीन की यह मांग इस तर्क के साथ सिरे से ख़ारिज कर दी है कि ये पहाड़ियां भारतीय क्षेत्र में ही हैं। भारत ने एलएसी पार करके किसी पहाड़ी को अपने नियंत्रण में नहीं लिया है।
भारत ने 29/30 अगस्त के बाद कैलाश रेंज की इन रणनीतिक ऊंचाइयों वाली पहाड़ियों मगर हिल, गुरंग हिल, रेजांग लॉ, रेचिन लॉ और मुखपारी पहाड़ियों को अपने कब्जे में लेने के साथ ही 17 हजार फीट की ऊंचाइयों पर टैंकों को तैनात किया था। तभी से इस इलाके में चीन ने भारी तादाद में सैनिकों और हथियारों की तैनाती कर रखी है। इसके जवाब में भारत ने भी सैनिकों को एलएसी के साथ तैनात किया था। इस वजह से मुखपारी चोटी पर सिर्फ 170 मीटर और रेजांग लॉ में 500 मीटर की दूरी पर चीनी और भारतीय सैनिक हैं।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News
SP Swarn Prabhat passes strong massages to crime lords, assures co-ordination with public
18 Sep 2024 22:34:46
IPS Kantesh Mishra was replaced by IPS Swarn Prabhat as superintendent of police of East Champaran district- the district having...
Comments