प्रधानमंत्री के ‘ मन की बात ‘ से नहीं मिटेगी गरीबों की भूख :अरुण यादव
भागलपुर। युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉक डाउन के बीच तीसरी बार’ मन की बात ‘ कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के द्वारा हर बार अचानक लिया गया निर्णय देशवासियों के लिए घातक सिद्ध हुआ है। चाहे नोटबन्दी का निर्णय हो या फिर अचानक देश में लॉकडाउन घोषित करने निर्णय । सरकार एक सप्ताह का नोटिस देकर अगर देश में लॉकडाउन की घोषणा करती तो हजारों गरीब, प्रवासी मजदूरों की मौत नहीं होती। गरीब, प्रवासी मजदूर अपने -अपने घर वापस हो जाते। जिस गति से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है उस गति से बढ़ता भी नहीं । उन्होंने कहा कि मोदी जी ने मन की बात में दो गज दूरी की बात तो की लेकिन गरीबों, प्रवासी मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी की बात नहीं की। मन की बात से गरीबों, प्रवासी मजदूरों की भूख नहीं मिटेगी । इसलिए गरीबों को आर्थिक मदद की जरूरत है। यादव ने कहा कि मोदी जी ने मन की बात में कोरोना काल के दौरान सरकार जनित प्रवासी मजदूरों की मौत पर किसी प्रकार की संवेदना व्यक्त नहीं कर गरीबों, श्रमवीरों का अपमान किया है। भारतीय रेल की कुव्यवस्था के कारण भूखे -प्यासे सैकड़ों मज़दूरों की जान चली गई। मोदी जी को मालूम होना चाहिए कि योग और आयुर्वेद में दिलचस्पी भारत की आजादी के पहले से है। देशवासियों ने 70 साल में जो परेशानियां नहीं झेली थीं वो मोदी सरकार के गलत निर्णय के कारण 6 साल में झेली है। इसलिए देशवासियों का मोदी सरकार से विश्वास समाप्त हो चुका है।
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