विभीषणों ने भीष्ण पितामहः को रौद डाला, नगर निगम चुनाव में अपनों ने ही किया लंका दहन
प्रीति गुप्ता के जीत के कई मायने, सांसद के राजनीतिक अवसान
सागर सूरज
मोतिहारी: मोतिहारी नगर निगम चुनाव में देवा गुप्ता की पत्नी प्रीति गुप्ता ने बड़े मार्जिन के साथ प्रकाश अस्थाना को चुनाव हरा दिया | या यूं कहे कि विभीषणों ने रावण के लंका मे कुछ इस कदर आग लगायी की जिले के कथित भीष्म पितामह का “भीष्म” और “पितामह” अलग -अलग हो गया |
नतीजतन, वर्षों से भाजपा के कब्जे वाला यह महत्वपूर्ण पद राधा मोहन सिंह से मुक्त हो गया | इसी के साथ भाजपा के इस स्वयंभू ‘किंग मेकर’ को उनके ही लोगों के बिरोध के कारण जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा |
सवाल ये भी है कि क्या प्रकाश अस्थाना हारे या फिर राधा मोहन सिंह ? | सवाल ये भी है कि कोंन जीता - देवा गुप्ता, प्रीति गुप्ता या पवन जयसवाल या बबलू गुप्ता या राकेश पाण्डेय | असल में राधा मोहन सिंह की ही इस चुनाव में हार हुई | भलें ही जो भी लोग इस हार के लिए और जीत के लिए अपना- अपना पीठ थपथपाये |
सांसद महोदय का अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से विश्वासघात, तानाशाही रवैया, उनके द्वारा जारी नादिरशाही पैगाम से भाजपा के लोग उब गए थे और राधा मोहन सिंह को हराने के लिए दिन- रात एक कर दिए थे | नेताओं और कार्यकर्ताओं का आक्रोश राधा मोहन सिंह के मेयर प्रत्याशी को चुनाव हरवा दिया | जाहिर है इस आक्रोश का वोट विरोधी अपने पाले में लाने में सफल रहा और चुनाव जीत गया |
सांसद द्वारा दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बावजूद अपना प्रत्याशी घोषित करना, वार्ड में भी किसी को बैठने किसी को लड़ने का व्हिप जारी करना, साथ ही गत एमएएलसी चुनाव में अपने प्रत्याशी बबलू गुप्ता से विश्वासघात, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के चुनाव में बीजेपी एमएलए की पत्नी का विरोध सभी मामले प्रकाश अस्थाना जैसे अच्छे व्यक्तित्व को भारी पड़ गए |
नगर निगम में भाजपा महापौर प्रत्याशी की हार का असर आगामी लोक सभा चुनाव पर भी पड़ सकता है | राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि जिले के भाजपा नेतृव में बदलाव होना चाहिय, क्योकि राधा मोहन सिंह का राजनीतिक अवसान शुरू हो गया है | वार्ड में भी मोहिबुल हक़ सरीखे ज्यादातर राधा मोहन सिंह के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है | मह्बुल हक़ को चुनचुन (एह्तेशामुल) नामक एक लड़के से हार का सामना करना पड़ा |
गुप्ता के इस जीत के साथ ही भाजपा के सारें विधायक और मंत्री, जिनके बड़े -बड़े फोटो अखबार के विज्ञापनों में सुशोभित हो रहे थे अब मीडिया को फेस करने की भी स्थिति में नहीं है |
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