नवरात्रि पर कंदाहा सूर्य मंदिर में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन

नवरात्रि पर कंदाहा सूर्य मंदिर में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन

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सहरसा।  लक्ष्मीनाथ योगपीठ ट्रस्ट मुख्यालय साधना स्थल खजुरी, संस्थापक योग गुरु आचार्य प्रभाकर के तत्वावधान में कंदाहा सूर्य मंदिर में सोमवार को सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया। आचार्य प्रभाकर ने कहा कि शारदीय नवरात्र योगाभ्यास आरंभ करने लिए उत्तम मास माना गया है।ऋषि मुनि एवं योगीजन का मानना है योगाभ्यास किसी भी समय किसी […]

सहरसा।  लक्ष्मीनाथ योगपीठ ट्रस्ट मुख्यालय साधना स्थल खजुरी, संस्थापक योग गुरु आचार्य प्रभाकर के तत्वावधान में कंदाहा सूर्य मंदिर में सोमवार को सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आचार्य प्रभाकर ने कहा कि शारदीय नवरात्र योगाभ्यास आरंभ करने लिए उत्तम मास माना गया है।ऋषि मुनि एवं योगीजन का मानना है योगाभ्यास किसी भी समय किसी भी महीना में कर सकते हैं। लेकिन शारदीय नवरात्र में किया गया योगाभ्यास संपूर्ण लाभकारी है। इस समय मौसम सामान्य रहता है जिससे साधक गन को योगाभ्यास करने में आसानी होती है। यहां दूर दूर से भक्त गण रविवार को आते हैं। भगवान सूर्य देव से अपने सुन्दर स्वास्थ्य की मन्नतें मांगते हैं। यह सूर्य मंदिर बहुत पूराना है। बुजूर्गो का मानना है कि जो भी भक्त श्रद्धा से सूर्य देव की आराधना करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है। खासकर चर्मरोगी वाले चमकी, मनोरोगी, तनावग्रस्त अन्यान्य रोगों का निवारण सूर्य देव की आराधना से होती है। भक्त विभिन्न तरीका से पूजा आराधना करते हैं कुछ तो सूर्य देव के पर्यायवाची शब्द से भी आराधना करते हैं रवि, दिनकर, भास्कर , दिवाकर, प्रभाकर आदि।
योग सभी के लिए आवश्यक है। खासकर सूर्य नमस्कार के बहुत फायदे हैं। प्रातः काल सूर्योदय के समय पूर्वाविमुख होकर सूर्य नमस्कार करने से अद्भुत तेज प्राप्त होता है, ऊर्जावान बनता है, याददाश्त बढने लगता है, बच्चे तथा युवक को अधिक लाभ मिलता है। सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं चक्र पूरा करने के लिए 12 आसनों को पुनः दोहराया जाता है।तब एक चक्र सूर्य नमस्कार संपन्न होता है।

 

आध्यात्मिक लाभ के लिए 12 मंत्र, 12 आसान करना चाहिए
ओम मित्राय नमः,ओम रवयै नमः, ओम सूर्याय नमः ,ओम भानवाय नमः, ओम खगाय नमः,ओम पुष्णाय नमः, ओम हिरणगर्भाय नमः, ओम मारीचये नमःओम, आदित्याय नमः, ओम सवित्रेय नमः, ओम अरकाय नमः, ओम भास्कराय नमः। सूर्य नमस्कार में चौरासी लाख आसन समाहित है। साधक को तत्क्षण शारीरिक लाभ और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। कुछ ही दिनों के नियमित सूर्य नमस्कार के अभ्यास करने से शरीर स्वस्थ और सुडौल हो जाता है। आरंभ के दिन से ही तनाव दूर हो जाता है। शरीर में आश्चर्यजनक स्फूर्ति आती है उठने बैठने की तकलीफ, आलस्य और घबराहट दुख भय साथ ही नाना प्रकार के रोगों से निजात मिलती है। सावधानी क्रॉनिक डिजीज, हॉट, हाई बीपी, कमर के रोगी पेट के रोग तथा गुप्त रोगी योग शिक्षक वा चिकित्सक से परामर्श लेकर ही अभ्यास करें। श्री प्रभाकर ने कहा कि चुनाव वाले प्रखंड क्षेत्र को छोड़कर सभी जगहों पर योगाभ्यास कराया जाएगा। आज के अभ्यास में पुजारी बाबा बाबू कान्त झा, सूर्यानंद झा, कृष्ण कांत पाठक, नटबर फौजी, स्टेट बेंक महिषी गोविंद झा,मिस्री पाठक , शत्रुघ्न झा, भूसन बिकौवा,पं संतोष मिश्र, प्रमोद ठीकेदार, गोनू झा (दियाद), टूनटून मिश्र, अरहुल मुखिया, नीतीश राय,अमीत राम, ओपी विश्वकर्मा, महेश्वर यादव आदि ने भाग लिया।

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