कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष के निशाने पर सरकार

कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष के निशाने पर सरकार

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नई दिल्ली। लोकसभा में पारित कृषि से जुड़े तीन अहम विधेयकों का देश में हर ओर विरोध हो रहा है, खासकर पंजाब से महाराष्ट्र में। यहां तक कि इन विधेयकों के विरोध में सरकार के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा तक दे दिया। ऐसे में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इन विधेयकों […]
नई दिल्ली। लोकसभा में पारित कृषि से जुड़े तीन अहम विधेयकों का देश में हर ओर विरोध हो रहा है, खासकर पंजाब से महाराष्ट्र में। यहां तक कि इन विधेयकों के विरोध में सरकार के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा तक दे दिया। ऐसे में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इन विधेयकों को किसानों के लिए नुकसानदह बता रही है।
कांग्रेस नेता पवन बंसल ने कहा है कि कृषि बिल किसान विरोधी बिल है। देश में ये पहली बार हुआ है कि किसी सरकार ने किसान विरोधी कदम उठाया हो। ये बिल सिर्फ बड़े व्यापारियों के हक में है जो गरीब किसानों का फसल कम कीमत में छीन लेंगे। ये कौन-सी मॉर्डनाइजेशन, सुविधा और प्रोत्साहन की बात कर रहे हैं।
कृषि विधेयक को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया- सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रहीं। धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रहीं। सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट पंजाबी में भी किया। जिसमें उन्होंने कहा- ‘किसानी पंजाब की रूह है। शरीर के घाव भर जाते हैं, पर आत्मा के घाव नहीं। हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है।’ 
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अकाली की दल की मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे को नाटक करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रिमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नहीं किया? आप लोकसभा से इस्तीफ़ा क्यों नहीं देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लेता? प्रपंच नहीं, किसान का पक्ष लें।
सुरजेवाला ने दुष्यंत चौटाला पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘दुष्यंत जी, हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफा दे देते। पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं? कुछ तो राज है। किसान माफ नहीं करेंगे। जेजेपी, सरकार की पिछलग्गू बनकर किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।’ 

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