मोतिहारि के इस पुल से गुजरने पर वसूला जाता है 'गुंडा टैक्स', साइकिल के 10 और बाइक के 20 रुपये

मोतिहारि के इस पुल से गुजरने पर वसूला जाता है 'गुंडा टैक्स', साइकिल के 10 और बाइक के 20 रुपये

रेलवे पुल पर चलता है साइकिल और बाइक, दर्जनों गांवों का बना हुआ है सहारा

Reported By BORDER NEWS MIRROR
Updated By BORDER NEWS MIRROR
On
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में लालबकेया नदी पर बना एक रेलवे पुल ऐसा है जिस पर रेलगाड़ी नहीं बल्कि साइकिल और बाइक दौडती हैं। इतना ही नहीं, बल्कि पुल से गुजरने पर लोगों को गुंडा टैक्स यानी अवैध शुल्क भी देना पड़ता है। इस रेल पुल से अब ट्रेनें नहीं गुजरती बल्कि यह सालों से दर्जनों गांवों के 25 हजार से अधिक लोगों का सहारा बना हुआ है। पूर्वी चंपारण जिले के ढाका, घोड़ासहन, बनकटवा प्रखंड के एक दर्जन गांवों के 25 हजार से अधिक लोग सीतामढ़ी, बैरगनिया व नेपाल जाने के लिए करीब 16 साल से रोजाना जान हथेली पर रखकर इस रेल पुल से आते-जाते हैं। उफनाती लालबकेया नदी पर बने इस पुराने पुल से गुजरते वक्त हर कदम के साथ नदी में गिर जाने का खतरा रहता है।

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में लालबकेया नदी पर बना एक रेलवे पुल ऐसा है जिस पर रेलगाड़ी नहीं बल्कि साइकिल और बाइक दौडती हैं। इतना ही  नहीं, बल्कि पुल से गुजरने पर लोगों को गुंडा टैक्स यानी अवैध शुल्क भी देना पड़ता है। इस रेल पुल से अब ट्रेनें नहीं गुजरती बल्कि यह सालों से दर्जनों गांवों के 25 हजार से अधिक लोगों का सहारा बना हुआ है। पूर्वी चंपारण जिले के ढाका, घोड़ासहन, बनकटवा प्रखंड के एक दर्जन गांवों के 25 हजार से अधिक लोग सीतामढ़ी, बैरगनिया व नेपाल जाने के लिए करीब 16 साल से रोजाना जान हथेली पर रखकर इस रेल पुल से आते-जाते हैं। उफनाती लालबकेया नदी पर बने इस पुराने पुल से गुजरते वक्त हर कदम के साथ नदी में गिर जाने का खतरा रहता है। इसके बावजूद लोग इसका इस्तेमाल करते हैं, वरना उन्हें चार की जगह 25 किमी की दूरी तय करनी होगी।

पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी जिले को दो भागों में बांटने वाली लालबकेया नदी पर सड़क मार्ग का पुल नहीं होने से बारिश में लोगों को काफी परेशानी होती है। रेल पुल रक्सौल सीतामढ़ी रेलखंड के महुआवा ऑफिस घाट पर लालबकेया नदी पर बना हुआ है। पहले इस पुल से ट्रेन गुजरती थी, लेकिन रेल लाइन दोहरीकरण होने पर दूसरा पुल बन गया। अब ट्रेनें उस पुल से गुजरती हैं।

पुराना रेल पुल बारिश के दिनों में लोगों के लिए नदी पार करने के उपयोग में आता है। इससे बाइक पार करते समय थोड़ा भी संतुलन बिगड़ा तो व्यक्ति बाइक सहित नदी में गिर सकता है। ऐसी घटना हो भी चुकी है। वर्ष 2019 में नेपाल के औरैया का एक व्यक्ति पुल से नदी पार करते समय बाइक सहित नदी में गिर गया। उसका कुछ नाहीं पता चल सका।

वर्ष 2007 में आई बाढ़ के दौरान लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर बना लोहे का पुल बह गया। अब नदी में पानी कम रहने पर डायवर्सन बनाया जाता है। जलस्तर बढ़ने पर डायवर्सन बह जाता है। इसके बाद नदी पार करने के लिए या तो नाव का सहारा होता है या रेल पुल से जाना पड़ता है। पानी ज्यादा होने पर नावों का परिचालन भी बंद हो जाता है। हालांकि, खतरनाक तरीके से कुछ नावों का अवैध रूप से परिचालन होता है। बरसात के करीब चार पांच माह यही स्थिति रहती है। इस घाट पर पुल का निर्माण वर्ष 2012 से ही जारी है, लेकिन अब तक काम अधूरा है।

रहनवा गांव निवासी मुकुल चन्द्र भूषण, रूपेश गिरी कहते हैं कि फुलवरिया घाट पर पुल बन जाए तो लोग रेल पुल से जाना बंद कर देंगे। ढाका प्रखंड के कई गांव के लोगों को बैरगनिया जाना हो तो रेल पुल से जाने में तीन से चार किमी दूरी तय करनी होगी। यदि वे सड़क मार्ग जमुआ घाट से जाएं तो उन्हें बीस से पच्चीस किमी की दूरी तय करनी होगी। दोस्तियां गांव निवासी मो. नूर आलम, तेलहारा निवासी नगीना पासवान ने कहा कि ढाका प्रखंड क्षेत्र के कई लोगों की दुकानें बैरगनिया में हैं। इन्हें रोज आना-जाना होता है। ऐसे में वे यही रास्ता उपयोग करते हैं।

इस रेल पुल से गुजरने वालों से साइकिल या बाइक ले जाने पर अवैध वसूली होती है। नदी के लिए डाक होती है और ठेकेदार द्वारा रेल पुल के लिए वसूली की जाती है। साइकिल के लिए 10 रुपये व बाइक के लिए 20 रुपये देने पड़ते हैं। सीओ रीना कुमारी ने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर इस घाट की डाक की जाती है। रेल पुल से पार करने वालों से वसूली करना गलत है। एसडीओ इफ्तेखार अहमद ने बताया कि सीओ को इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा।

https://bordernewsmirror.com/article/16262/apply-apply-but-no-reply-from-motihari-dm

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

Epaper

मौसम

NEW DELHI WEATHER