नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी बनाने के खिलाफ कांग्रेस समेत छह राजनीतिक दलों द्वारा संयुक्त घोषणा पत्र जारी किए जाने की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के सम्बन्ध में जम्मू-कश्मीर की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग न सिर्फ देश की जनभावनाओं […]
नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी बनाने के खिलाफ कांग्रेस समेत छह राजनीतिक दलों द्वारा संयुक्त घोषणा पत्र जारी किए जाने की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के सम्बन्ध में जम्मू-कश्मीर की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग न सिर्फ देश की जनभावनाओं के विरुद्ध है बल्कि संविधान, न्याय व्यवस्था और संसद की अवमानना के साथ-साथ देश विरोध की भी पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि देश की जनता इन राजनीतिक दलों की ऐसी भावना को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि छह राजनीतिक दलों के इस संयुक्त घोषणा पत्र पर अपनी सहमति एवं समर्थन जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की प्रसंशा ने कांग्रेस के देश विरोधी चरित्र को एक बार पुन: सार्वजनिक कर दिया है। इसके साथ ही राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जाना कि ‘इससे तो अच्छा होता कि मैं आतंकवादी बन जाता’, बेहद शर्मनाक तथा घाटी के लोगों को आतंक की राह पर पुन: धकेलने के लिए प्रोत्साहित करने वाला बयान है। जम्मू-कश्मीर सहित सम्पूर्ण देश की जनता ऐसे लोगों को कभी क्षमा नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि पीओके समेत पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उसके विषय में हर प्रकार का निर्णय लेने में संसद स्वतंत्र है। अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के बाद जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में स्थितियां जैसे-जैसे सामान्य हो रही हैं और क्षेत्र का विकास गति पकड़ने लगा है तो लगता है कि कांग्रेस समेत इन छह दलों को यह रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि अलगाववाद एवं आतंकवाद के दंश को झेलते हुए देशवासी तंग आ चुके थे। पांच अगस्त 2019 के बाद से राष्ट्र-विरोधी तत्वों पर लगे अंकुश से देश कुछ राहत अनुभव कर रहा था कि अचानक एक बार पुन: इस अलगाववादी सोच ने देशवासियों को स्तब्ध कर दिया है।
विहिप कार्याध्यक्ष कुमार ने कहा कि हालांकि ये सभी दल, अपनी ऐसी ही करतूतों के कारण, देश में पहले से ही अप्रासंगिक हो चुके हैं तथापि, असंख्य लोगों के बलिदान एवं सम्पूर्ण देश के 70 वर्षों के संघर्ष के बाद अनुच्छेद 370 से मिली इस अभूतपूर्व स्वतंत्रता के विरोधी, इन नेताओं को देश की राष्ट्रभक्त जनता समय पर समुचित जबाव देगी।
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