नई दिल्ली। महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहयोगी प्रोफेसर हनी बाबू और आदिवासी नेता फादर स्टेन स्वामी सहित 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया।
शुक्रवार को अदालत में पेश चार्जशीट में एनआईए ने गौतम नवलखा, प्रोफेसर हनी बाबू और स्टेन स्वामी के अलावा आनंद तेलतुंबडे, सागर गोरखे, रमेश गायक, ज्योति जगताप और मिलिंद तेलतुम्बडे को आरोपित बनाया है। इससे एक दिन पहले एनआईए ने गुरुवार को इस मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया था। जबकि एनआईए द्वारा इससे पहले की गई पूछताछ में स्वामी ने भीमा-कोरेगांव में किसी तरह की अपनी संलिप्तता से इनकार किया था।
एनआईए प्रवक्ता व पुलिस उप महानिरीक्षक सोनिया नारंग ने बताया कि यह मामला 1 जनवरी, 2018 को हुई हिंसा से संबंधित है, जिसमें पुणे के पास कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ समारोह में झड़पों के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। अदालत में पेश चार्जशीट में आठों आरोपितों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है और तमाम सबूत भी एकत्रित किए गए हैं।
एनआईए के अनुसार इसी साल 24 जनवरी को यह मामला जांच के लिए उसे मिला था। उसी के आधार पर एक दिन पहले 9 अक्टूबर को आदिवासियों के साथ काम करने वाले कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को भी झारखंड में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके अलावा चार्जशीट में गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे, ज्योति जगताप, सागर गोरखे और भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस प्रेरणा अभियान समूह के कार्यकर्ता रमेश गाइचोर और मिलिंद तेलतुमडे भी शामिल हैं। तेलतुमडे अभी फरार है। एनआईए उसकी तलाश में लगी है।
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