नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने में असफल रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव की याचिका पर सुनवाई टाल दी है। तेजबहादुर यादव की ओर से ही सुनवाई दीपावली के बाद करने की अपील की गई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
तेजबहादुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जिसने चुनाव लड़ा हो, वही किसी के निर्वाचन को चुनौती दे सकता है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में गलती की है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय फैसलों को ध्यान में नहीं रखा जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति की उम्मीदवारी निर्वाचन अधिकारी की ओर से अस्वीकार करने के बाद उसे उस अस्वीकृत आदेश के आधार पर चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार है।
याचिका में कहा गया है कि 25 वर्ष की आयु पूरी करने के अलावा किसी भी मामले में दोषी या दंडित न होने की शर्तें पूरी करने के बाद याचिकाकर्ता को समाजवादी पार्टी ने 2019 के आम चुनाव में वाराणसी से टिकट दिया था लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने उनका निर्वाचन रद्द कर दिया था।
तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल, 2019 को निर्दलीय और 29 अप्रैल, 2019 को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। इसके बावजूद निर्वाचन आयोग ने उनके नामांकन पत्र के सेट में खामियां बताते हुए उनका पर्चा खारिज कर दिया था।
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