33 वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए कलम के मजदूर कवि रामावतार शक्र
बेगूसराय। कलम के मजदूर नाम से मशहूर बेगूसराय जिला के रूपनगर निवासी क्रांतिकारी कवि कविवर रामावतार यादव शक्र को 33 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा पूर्वक याद किया गया। बुधवार को सिमरिया पंचायत-दो के रूपनगर गांव में स्थित स्मारक पर पहुंचकर उनके प्रतिमा पर माल्यर्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर पूर्व मुखिया रामानुज राय ने कहा कि एक फरवरी 1915 को रूपनगर में गरीब परिवार में जन्म लेने वाले रामावतार शक्र शुरू से प्रतिभा के धनी थे। 10 जून 1988 को निधन होने तक मजदूरों, वंचितों, पिड़ितों के हित में उन्होंने अपने कलम को लगातार गति दी। आज भी उनकी रचना ‘मुझे मालूम है मैं खंजरों पर चल रहा हूं, उजाला मार्ग में करने स्वयं मैं बल रहा हूं’ लोगों की जुबान पर है। कविवर शक्र जन्मशताब्दी समिति के अध्यक्ष रामानंद प्रसाद यादव ने कहा कि कविवर शक्र के पैतृक गांव रूपनगर में प्रतिमा लगाने तथा शक्र के नाम से पुस्तकालय भवन बनाने का कार्य समिति के देख रेख में संपन्न हो चुका है। अब शक्र के पांडुलिपि का प्रकाशन तथा उनके नाम पर पंचायत में हाई स्कूल के लिए समिति प्रयासरत है। मल्हीपुर चौक पर शक्र द्वार का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है।
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