भागलपुर। बीते दो दिनों की बारिश ने ईंट निर्माताओं की निंदा उड़ा दी है। पकने को तैयार रखी ईंट बारिस के पानी में गलकर बर्बाद हो गए। कच्ची ईंट से पटी पत्तन पानी में डूब गया है।
बीते पांच वर्षों में शायद यह पहला मौका है जब ईंट निर्माताओं की ईंट पुरी तरह बर्बाद हो गए। भठ्ठा मालिकों को होने वाला यह सबसे बड़ा नुकसान है। क्योंकि कच्ची ईंट ही भट्ठा मालिकों की मुख्य पूंजी होती है। कच्ची ईंट के बर्बाद होने से भट्ठा मालिकों का हौसला पुरी तरह धाराशाही हो जाता है।
अब इन्हे संभलने में पुरे वर्ष का समय लगेगा या फिर अगले वर्ष इसकी भरपाई हो। भठ्ठा संचालक संजय यादव, विक्की अवस्थी, अजीत कुमार, श्याम यादव, टुन्नी मंडल, ब्रजेश मंडल, अजित कुमार, विनोद यादवेन्दु आदि ने बताया की वास्तव में माघ की वर्षा से भठ्ठा मालिक कंपकंपाने लगे हैं। प्रत्येक भठ्ठा मालिकों को लगभग दस लाख का आर्थिक नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई पुरी सीजन में हो ही नहीं सकती है। यह बहुत बड़ा नुकसान है। सारे भट्टा के क्षति का आंकलन यदि करें तो लगभग चार से पांच करोड़ का नुकसान हुआ है।
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