
मोतिहारी पुलिस ने ‘नेपाल मोड्यूल’ से संबद्ध ड्रग्स तस्कर को किया गिरफ्तार
सदर डीएसपी के नेतृत्व में हुई चरस बरामद
सागर सूरज
मोतिहारी: मोतिहारी पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गैंग के ‘नेपाल मोड्यूल’ (NEPAL MODULE) के ड्रग सिंडिकेट (DRUG SINDICATE)से संबद्ध एक ड्रग तस्कर को चार किलो ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार कर लिया है | साथ ही पुलिस ने एक ग्लैमर मोटरसाइकिल और एक मोबाइल फोन को भी जब्त कर पूछ ताछ के बाद गिरफ्तार तस्कर को जेल भेज दिया है |
पुलिस अधीक्षक कन्तेश मिश्रा (IPS KANTESH KUMAR MISHRA)ने कहा कि सुचना मिलने पर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरुण कुमार गुप्ता के नेतृव में गठित टीम ने जिले के छतौनी थाना अंतर्गत भटहां मोड़ से भारत- नेपाल सीमा से सटे घोडासाहन के बसवरिया गाँव के रहने वाले 35 वर्षीय व्यक्ति आमोद कुमार पिता बाबू नन्द प्रसाद को चरस के साथ गिरफ्तार किया |
एसपी ने कहा कि पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि सीमा क्षेत्र का एक व्यक्ति चरस की एक खेप को लेकर देश के अन्य राज्यों में बेचने की नीयत से निकला है | सदर डीएसपी के नेतृत्व में छतौनी थाना पुलिस निरीक्षक विजय चौधरी, दरोगा संतोष कुमार सिंह एवं अन्य पुलिस अधिकारियों ने सूचना एवं तकनीकी के सहयोग से तस्कर के असली लोकेशन पर ‘एक ट्रैप’ लगाया और बाइक सवार को रोक कर उसके बाइक की जाँच की, जिसमे सीट के नीचे छुपाये गये प्लास्टिक में पैक चरस को जप्त किया गया | अभियुक्त पर धारा 414 भादवि एवं 20 (b)(ii)c/22 NDPS ACT के अंतर्गत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की गई |
उल्लेखनीय है कि गत 28 जनवरी को मोतिहारी एसपी कन्तेश मिश्रा के निर्देश पर रक्सौल थाना ने अहिरवा टोला से प्लास्टिक में पैक 1.3 ग्राम चरस को बरामद करते हुए नेपाल के परसा का रहने वाला शेख साहिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया |
बताया गया कि भारत नेपाल के इस सरहदी इलाक़े में खुली सीमा का लाभ लेकर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की तस्करी लगातार जारी है | एसएसबी(SSB) के कमजोर सुचना तंत्र का लाभ उठा कर तस्कर ना केवल बॉर्डर के सहारे नेपाल में प्रवेश कर जाते है, बल्कि देश के विभिन्य राज्यों तक कारोबारियों को पहुँचाने का कार्य कर रहे है जहाँ से ये मौत के सौदागर खुदरा में बड़े शहरों के बच्चों एवं बच्चियों तक को इसका आदि बना रहे है |
15 वर्षों के नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (NARKOTICS CONTROL BUREAU) के डाटा पर अगर नजर डाली जाए तो भारत नेपाल के सीमा से कोकीन, ब्राउन सुगर, स्मैक, चरस जैसे प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के ज्यादातर खेप भारत नेपाल के इसी सीमा से होकर गुजरा है | 2021 में दिल्ली के ब्यूरो ने 12 किलों यानि 46 लाख कीमत का चरस बरामद करते हुये एक तस्कर वाहिद अहमद को गिरफ्तार किया था | यह तस्कर बीरगंज बाजार का रहने वाला बताया गया था | 2018 के जनवरी में 80 लाख के चरस के साथ इंतज़ार आलम को रक्सौल के मटीयारवा से गिरफ्तार किया गया था | जबकि 2017 में 2.5 करोड़ के चरस इनेरवा बॉर्डर से बरामद किया गया था |
इन मामले में अगर सिर्फ पुलिस रिकॉर्ड पर भरोषा करें तो गत वर्षों रक्सौल के आस- पास के इलाकों में 120 से अधिक युवक और युवतियों की मौत ड्रग के आदी होने के कारण हो गया है | हालत इतनी बदतर हो गयी कि सामाजित संस्था ‘लिटिल फ्लावर’ को नशे के आदि लोगों के इलाज़ हेतु एक योजना शुरू करनी पड़ी | बताया गया कि रक्सौल के लक्ष्मीपुर, कोइरिया टोला, प्रेमनगर, सिरिसिया, अहिरवालिया टोला, स्टेशन रोड, मौजे और नकरदेई का इलाका दसकों से नशेड़ियों के लिए बदनाम है|
ख़ुफ़िया विभाग (INTELLIGENCE DEPARMENT) के एक सुचना पर अगर गौर की जाए तो इस सीमाई ईलाके के नेपाल में आधे दर्जन से अधिक ड्रग्स सिंडिकेट सक्रिय है, जो पाकिस्तान के कुख्यात आईएसआई के विभिन्य अंगों से हैंडल होते है | गत वर्षों में बीरगंज के एक मछली विक्रेता प्रदीप साह के पास से 1 पोंड हेरोइन जप्त हुआ था | तब बताया गया कि इसको माफिया डॉन दाउद इब्राहीम का संरक्षण प्राप्त है| इसके अलावा अम्बिका मुखिया, सह्देव साह, अशोक, बीरबहादुर, यासीन मियाँ और मीर हसन आदि लोगों का नाम भी ख़ुफ़िया रिपोर्ट में ड्रग तस्कर के रूप में दर्ज है l
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