बगहा। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के हरनाटांड़ वन क्षेत्र अंतर्गत बैरिया काला के बैरिया गांव के समीप सरेह में खेत में काम कर रहे एक किसान पर बाघ ने हमला कर जान ले ली।
ग्रामीणों के अनुसार बरवा गांव के किसान रामप्रसाद उरांव बैरिया मैदान के पास सरेह स्थित खेत में अपने परिजनों के साथ खेत में सोहनी कर रहा था। गन्ना के खेत में छिपा बाघ आदमखोर बाघ ने किसान पर हमला कर दिया।
बाघ को देख रामप्रसाद उरांव की पत्नी ने हो-हल्ला किया, तो बाघ रामप्रसाद को घसीटते हुए पुन: वापस गन्ना के खेत में लेकर चला गया। किसान के परिजनों के हो-हल्ला के बाद भारी संख्या में लोग खेत के पास जुट गए, तब भी बाघ शव के साथ गन्ना के खेत में अड़ा रहा।
लोगों की भारी भीड़ और हो हल्ला करने बाद बाघ वहां से हटा, तो शव लोगों को हाथ लगी। बाघ के हमले में किसान की मौत पर ग्रामीण आक्रोशित है।
इसके पूर्व में भी बाघ ने छह लोगों पर हमला कर चुका है। इसी वर्ष 8 मई को गांव के बगीचे में खेल रहे बच्चे पर बाघ ने हमला कर दिया। इलाज के दौरान किसी तरह बच्चे की जान बची।
चिउटाहां वनक्षेत्र के जिमरी के राजू बैठा उम्र 12 वर्ष की बाघ के हमले में मौत हो गयी। वही 15 जुलाई को बैरिया कला गांव के 65 वर्षी बुजुर्ग धर्मराज काजी की शव बरामद किया गया, वे खेत देखने गए थे और लापता थे।
जांच में बताया गया की बाघ के हमले से ऊनकी मौत हुई थी। 12 सितंबर को काला बरवा निवासी 45 वर्षीय प्रेमा देवी की मौत बाघ हमले से हो गयी, जिसमें आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ हरनाटांड़ रेंज ऑफिस का घेराव किया था।
एसडीएम, एसपी, डीएफओ तथा स्थानीय विधायक ने आक्रोशित लोगों को विनतीकर शांत कराया था, तब दाह संस्कार शव का हुआ था । घटनास्थल पर बगहा एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद थे।
डीएफओ नीरज नारायण भी घटनास्थल पर पहुंच गये थे। एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा ने बताया कि आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग एक्सपर्ट टीम को बुलाया था और बाघ पकड़ा गया।
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